देखिये, अक्सर जंग दो तरीके से लड़ी जाती है - एक मैदान में और एक अपनी बातों और ज्ञान से. अक्सर कहा जाता है कि जितनी शारीरिक ताकत मैदान में जंग लड़ने के लिए लगती है उतनी ही दिमागी ताकत मैदान से बाहर बैठकर जंग जीतने में लगती है. यह बात क्यों कि जा रही है? तो कारण है कि महिला जिन्होंने BBC Marathi को अपनी आवाज़ दी और बनी 'First Voice of BBC Marathi'.
यह BBC Marathi की Radio Broadcaster बनने वाली पहली इंसान थी. और ये ही वो आवाज थी जो पूरे हिंदुस्तान को World War II की updates दे रही थी. उस वक़्त लोग इनकी आवाज़ में broadcasting सुनने के आदि हो गए होंगे. वे इतनी ज़रूरी आवाज़ बन चुकी थी भारत के लिए कि उन्होंने England में रहकर भारत की आज़ादी के लिए भी आवाज़ उठाई.
Venu Chitale का जन्म
Venu का जन्म 28 दिसंबर 1912 (कुछ दस्तावेज़ों के अनुसार यह तारीख 1910 भी मानी गयी है) को महाराष्ट्र के कोल्हापुर में हुआ. माता-पिता की मृत्यु के बाद उनके बड़े भाई-बहनों ने ही उन्हें बड़ा किया. पुणे और मुंबई में अपना स्कूल ख़त्म कर Venu 1934 में England चली गई.
यहां की Venu Chitale ने पढ़ाई!
England में उन्होंने 1934 में University College London और 1939 में University of Oxford में admission लिया. इसी दौरान वह Radio Broadcasting से जुड़ी. BBC में वह BBC Eastern Services के India Section के लिए एक broadcaster बन गईं, जहां वह हर दिन Radio पर मराठी में World War II की खबरें सुनाती थी. और BBC Home Service, जहां वह British listeners को शाकाहारी खाना बनाना सिखाती थी. इसके साथ ही Venu Chitale ने famous English Novelist George Orwell के साथ भी उनकी Assistant के रूप में काम किया है.
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Google Doodle ने 111वी birth anniversary पर किया सम्मान
Image Credits - Google
हाल ही में Venu Chitale की 111वी birth anniversary पर Google Doodle ने भी उनके काम को सराहा. उन्हें tribute देते हुए Google ने अपने होम पेज पर Venu को दर्शाता हुआ doodle लगा कर उनका सम्मान किया.
Venu Chitale उन चुनिंदा नामों में से एक है जिन्होंने न सिर्फ बहादुरी से अपना काम किया बल्कि एक काबिल Journalist (First Woman Journalist) होने का भी example set किया.