जानकी ने घोली ज़िन्दगी में मिठास

ज़िन्दगी में मिठास भरने वाली महिला हैं, 'जानकी अम्मल'. यह हमारे देश कि पहली महिला बॉटनिस्ट हैं. इन्होंने सिर्फ चीनी ही नहीं बल्कि गन्ने से बनाने वाली कई चीज़ों पर रिसर्च करी ताकि हमारे देश को यह सब बहार के देशों से ना मंगवाना पड़े.

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रिसिका जोशी
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Janki Ammal

Image Credits: The hindu

चाय की उस एक प्याली में जो मिठास होती हैं वही गम को भुला देती है. बस अगली बार जब भी आप इस मिठास का मज़ा ले रहे हो तो ,उस महिला को ज़रूर याद कीजियेगा जो भारत के घरों तक चीनी या शक्कर लेकर आई. ज़िन्दगी में मिठास भरने वाली महिला हैं, 'जानकी अम्मल'. यह हमारे देश कि पहली महिला बॉटनिस्ट हैं. इन्होंने सिर्फ चीनी ही नहीं बल्कि गन्ने से बनाने वाली कई चीज़ों पर रिसर्च करी ताकि हमारे देश को यह सब बहार के देशों से ना मंगवाना पड़े.

थलासीरी में पैदा हुई इस अद्भुत लड़की कि ज़िन्दगी भी अद्भुत थी. उनका जन्म रूढ़िवादी परिवार में जन्म हुआ लेकिन फिर भी दुनिया में नाम कमाने का ज़ज़्बा उन्होंने ज़िंदा रखा. जब लड़कियों कि पढ़ाई का कोई सोचता भी नहीं था, तब इन्होने 'बॉटनी' कि पढाई करी और डिग्री पूरी करने के बाद अमेरिका जाकर 'पीएचडी' करी. जब वहां से वापस आई तो 'कोयम्बतूर के इम्पीरियल शुगर केन इंस्टीट्यूट' में उन्होंने भारत में ही गन्ना उगाने के लिए काम शुरू करने में मदद करी. जानकी अम्मल कि मदद से भारत ने फ़ूड प्रोडक्शन को लेकर बहुत काम किये हैं. वो कहती है- "मेरा काम ही है जो जिंदा रहेगा." उनकी यह बात बिलकुल सच साबित हो रही है, देश के हर घर में जहां हर दिन सुबहचाय बनती है, और बिना मिठाई को कोई त्यौहार ख़त्म नहीं होता. 

कोयम्बतूर जानकी इम्पीरियल शुगर केन इंस्टीट्यूट थलासीरी