MP के Neemuch जिले के सुवाखेड़ा गांव कुछ समय से चर्चा में है. self help group की सदस्यों ने यह कदम उठाया. जिस गली में भी नज़र जाएगी वहां आजीविका मिशन से जुड़ी महिलाओं के समूह के साथ खुद का नाम लिखा.
इस प्लेट पर परिवार के किसी gents का नाम नहीं. नीमच जिले की इस ख़ास story को जरूर पढ़ना चाहिए.
'मेरा नाम मेरी पहचान' ने बदल दी गांव की पहचान
नीमच जिले के जावद ब्लॉक अंतर्गत सुवाखेड़ा में महिलाओं ने मेरा नाम मेरी पहचान स्लोगन को हक़ीकत में बदल दिया. आजीविका मिशन के self help group की जय सांवलिया आजीविका समूह की संतोष कुंवर राजपूत और चारभुजा SHG की गंगा बाई भील कहती हैं-"हमने कभी नहीं सोचा था कि समाज में हमें ऐसी पहचान मिलेगी.ख़ुशी होती है अपना नाम और प्लेट देख कर.SHG से कमाई के साथ हमारी पहचान भी बनी.गांव वाले हमारे नाम से पहचानने लगे.
अपने घर बाहर नेमप्लेट के साथ समूह सदस्य (Image: Ravivar Vichar)
इस गांव में समूह की महिलाओं ने यह बैठक में निर्णय लिया. किसान दीदी से लगाकर यहां महिलाएं बैंक सखी, हेल्थ सखी के काम कर रही.सुवाखेड़ा की श्री गणेश SHG की तारा बाई कहती हैं-"हमारा समूह दूध डेयरी के कारोबार से जुड़ा है.सभी लोग हमारे पति या घर के मुखिया के नाम से जानते थे.अब हमारी नाम की प्लेट और आजीविका मिशन की डिटेल्स भी लगने से हम पूरी तरह आत्मनिर्भर हो गए."
अब कोई महिला नहीं कहती- 'घर में कोई नहीं,कल आना'
अक्सर महिलाएं घर में मौजूद होने के बावजूद किसी के दरवाज़ा खटखटाने पर यही कहती आई-'घर में कोई नहीं कल आना .' अब यह धारणा बदल रही.घर की महिलाएं स्वाभिमान से जीने लगी. Jawad Block के BM Vijay Soni बताते हैं-"यह अभिनव प्रयोग हमारे ब्लॉक में सफल रहा.लगभग 32 स्वयं सहायता समूह की 400 से अधिक महिलाओं ने घर के बाहर उनके ही नाम की नेम प्लेट लगाई.इस काम में समूह की सदस्यों के परिवार ने भी प्रोत्साहित किया."
Neemuch District Project Manager Shambhu Singh Medha कहते हैं-"हमारे जिले में भील Tribal Community के परिवार भी हैं.समूह से जुड़कर नया रोजगार शुरू किया.उन्हें योजनाओं से आर्थिक लाभ मिल रहा. tribal families ने भी इस अभियान में जुड़ गई. इसे दूसरे ब्लॉक में भी लागू करने के प्रयास किए जा रहे."
समूह की महिलाओं की काउंसलिंग करते BM (Image: Ravivar Vichar)
इस जिले में स्वयं सहायता समूह की सदस्यों के कारोबार को बढ़ाने के लिए जिला पंचायत CEO IAS Guruprasad और DM IAS Dinesh Jain खुद भी काउंसलिंग कर हौसला बढ़ा रहे.
इस खास तरह के प्रयोग को लेकर नीमच की Social Activist और Research Scholar Neha Patidar का कहना है-"यह जिले की बड़ी उपलब्धि कही जा सकती है.यह शहरों में तो दिखने लगा जहां महिलाओं के नाम family nameplate में जोड़े जा रहे,लेकिन सुवाखेड़ा में यह सिर्फ महिला के नाम की नेमप्लेट पितृसत्ता जैसी मानसिकता को चुनौती है और महिलाओं को बराबरी की नज़र से देखने की शुरूआत है. इसका सकारत्मक आर्थिक और सामाजिक बदलाव दिखेगा."