MP के Neemuch जिले में रोडवेज़ बस स्टैंड के पास रोड किनारे चाय की गुमटी चलाने वाले सुरेश गंगवाल की बेटी Aanchal Gangval की यह कहानी है.अपने ही शहर नीमच के सरकारी कॉलेज में ग्रेजुएशन करने के बाद मेहनत के दम पिता के सपनों को साकार कर दिया.Father's Day पर यह भावुक कर देने वाली स्टोरी जरूर पढ़ना चाहिए.आखिर पिता और बेटी का समर्पण क्या है !
धूप में पसीना बहते रहे पिता,बेटी बुनती रही सपने
आंचल गंगवाल आज पूरे जिले की बेटी बन गई.सीताराम जाजू शासकीय कॉलेज से कंप्यूटर साइंस में ग्रेजुएशन करने के बाद प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में व्यस्त हो गई.
पिता सुरेश गंगवाल अपनी गुमटी पर धूप में पसीना बहाते रहे,उधर बेटी आंचल पिता के सपनों को साकार करने में जुट गई.
अपने पिता सुरेश गंगवाल और मां बबीता के साथ आंचल (Image: Ravivar Vichar)
Aanchal Gangwal बताती है-"मुझे बचपन से ही आसमान में हवाई जहाज को उड़ते देखना पसंद था.मेरा सिलेक्शन पुलिस सब इंस्पेक्टर और फिर लेबर डिपार्टमेंट में हुआ.पर मेरा खवाब तो शुरू से Defence में जाने का था.आखिर मेरा selection Indian Air Force में flying officer के लिए हुआ.इस समय में Air Force में Lieutenant के पद सेवाएं दे रहीं हूं.मुझे ख़ुशी है कि इस मुकाम तक मेरे पिता का बड़ा योगदान है.मां Babita और गुरुजन के बिना यह संभव नहीं हो सकता.शुरू में पापा को यह असहज लगा.एयर फ़ोर्स में जाने की बात छोटे शहर में सामान्य नहीं थी.लेकिन पापा ने मेरे लिए सब कुछ किया."
बेटियों के भविष्य को संवारने में कई घंटे खड़े रहे पापा
पिता सुरेश गंगवाल की बड़ी बेटी आंचल air force में select हुई.बावजूद सुरेश अपने पिता की भूमिका में डेट रहे.
दूसरी बेटी Divyani Gangwal कहती है-"मुझे मेरे पापा पर गर्व है.हमें पढ़ाने के लिए गुमटी पर मेहनत की.कई घंटे खड़े रहे.उनकी मेहनत जो अब तक जारी है.मुझे बास्केट बॉल खेलने का शौक था.घर से माहौल मिला.अच्छे कोच से गाइडेंस.आखिर मेरी पोस्टिंग Railway Department में Bilaspur Zone में हुई." घर का positive environment मिलने से बेटा चंद्रेश भी Merchant Navy में इन दिनों France में posted है.
भावुक पिता ने कहा: मेरे पसीने की बूंदे मोतियों में बदल गई
इन सारी उपलब्धियों को लेकर पिता सुरेश भावुक हो गए. Suresh Gangwal कहते हैं-"हर माता-पिता अपने बच्चों के खातिर जीवन खपा देते हैं.कई बार आर्थिक परेशानी आई. दोस्तों से मदद ली.बच्चों को सरकारी कॉलेज में पढ़ाया.मेरी मेहनत सफल हुई.बेटियों को इस मुकाम पर देख अच्छा लगता है.यही मेरे लिए सबसे बड़ा Father's Day है .मेरे पसीने की बूंदे मोतियों में बदल गई"
बेटियों के साथ बेटे को इतनी उपलब्धि तक पहुंच जाने के बाद भी सुरेश गंगवाल ने अपना पेशा नहीं छोड़ा.
अपनी गुमटी पर काम करते हुए सुरेश गंगवाल (Image: Ravivar Vichar)
Air Force Lieutenant Aanchal कहती है-"आधुनिकता के नाम पर बेटियों को अपना नॉलेज बढ़ाना चाहिए, न कि फूहड़ता की गिरफ्त में आए.पिता के सपने को पूरा करने के लिए जी जान से जुट जाएं.मुझे ख़ुशी है मेरे माता-पिता के साथ अब मातृभूमि की सेवा का अवसर मिला."
आंचल नीमच के अलावा कई मंचों पर सम्मानित हो चुकी है.MP के Ex.Chief Minister और Central Cabinet Agriculture Minister Shiv Raj Singh Chauhan भी सम्मानित कर चुके हैं.