राष्ट्र सेवा (National Service) का सपना हर भारतीय के दिल में होता है. यह सपना हमें अपने देश के प्रति समर्पित करता है और हमें उसके विकास में योगदान देने की प्रेरणा देता है. चाहे वह सैनिक बनकर सीमाओं की रक्षा करना हो, या डॉक्टर बनकर लोगों की सेवा करना, या फिर शिक्षक बनकर आने वाली पीढ़ी को शिक्षित करना, हर रूप में राष्ट्र सेवा का महत्व है.
इस सपने को पूरा करने के लिए मेहनत, समर्पण और ईमानदारी की जरूरत होती है. अपने देश की सेवा करने से बड़ा सम्मान और गर्व का अनुभव शायद ही कोई हो सकता है. इसी सपने के हक़ीकत में बदलने की एक मिसाल है भारतीय वायु सेना (Indian Air Force) की यह पिता-बेटी की जोड़ी.
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जिन्हें बनाया inspiration, उन्हीं के साथ भरी उड़ान
फ्लाइंग ऑफिसर अनन्या शर्मा (Flight Lieutenant Ananya Sharma) का बचपन भारतीय वायु सेना के फाइटर बेसों पर ही बीता है. वहां वे हमेशा लड़ाकू विमानों की आवाज सुनतीं और यह जानकर गर्व महसूस करतीं कि उनके पिता भी उनमें से एक विमान उड़ा रहे हैं.
अनन्या और संजय शर्मा सिर्फ पिता और बेटी ही नहीं, बल्कि एक दूसरे के साथी भी हैं. जहां वे personal life में एक दूसरे का सुख-दुःख साथ देते है वहीं professional life में भी एक दूसरे के साथ विमानों के फार्मेशन की अगुवाई करते हैं.
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पिता और बेटी का खास रिश्ता
अनन्या के लिए यह एक बड़ी inspiration थी. उनके दिल में भी उड़ान भरने की इच्छा पैदा हुई और उन्होंने अपने पिता की तरह ही एक फाइटर पायलट बनने का सपना देखा. भारतीय वायु सेना (Indian Air Force IAF) के लिए यह एक ऐतिहासिक पल था जब फ्लाइंग ऑफिसर अनन्या शर्मा (Flight Lieutenant Ananya Sharma) और उनके पिता एयर कमोडोर संजय शर्मा (Air Commodore Sanjay Sharma) ने एक साथ हॉक-132 (Hawk 132) विमानों की फॉर्मेशन में उड़ान भरी.
भारतीय वायुसेना में महिलाओं की भागीदारी बढ़ती जा रही है और अनन्या शर्मा जैसे पायलट इसका जीता जागता उदाहरण हैं. इस उपलब्धि ने यह साबित कर दिया कि महिलाएं किसी भी क्षेत्र में पुरुषों से पीछे नहीं हैं, चाहे वह कितना भी चुनौतीपूर्ण क्यों न हो.
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