देश मे बढ़ते भ्रष्टाचार को जड़ से मिटाने के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है. भ्रष्टाचार से मनरेगा (Corruption In MNREGA) भी नहीं बच पाया है. जो स्कीम लोगों को रोजगार देने के लिए शुरू हुई थी. आज वहीं काम मशीन से करवाया जा रहा है. जिससे जरूरतमंद लोगों को रोजगार नहीं मिल पा रहा है और कुछ लोग बिना काम किए ही भुगतान ले रहे है.
ड्रोन से रखी जाएगी नज़र
मनरेगा मे लगातार बढ़ती शिकायतों का हल निकालने के लिए ड्रोन (Drone) का इस्तेमाल किया जायेगा. ड्रोन की मदद से महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारेंटी अधिनियम (Mahatma Gandhi National Employment Guarantee Act) के अंतर्गत हो रहे कामों पर नज़र रखी जाएगी, जिससे मनरेगा में भ्रष्टाचार कम होगा.
लोकपाल की नियुक्ति
ड्रोन के उपयोग से कामों की मॉनिटरिंग, इंस्पेक्शन, इवैल्यूएशन और इन्वेस्टीगेशन में मदद मिलेगी. राज्यों में ड्रोन्स के लिए अलग से बजट अलॉट नहीं हुआ है. इसमें लग रही धनराशि, मनरेगा (MNREGA) के लिए दिए गए बजट से ली जाएगी. साथ ही हर एक जिले में लोकपाल (Lokpal) की नियुक्ति होगी, जो शिकायतें दर्ज कर, तीस दिन के अंदर ही समस्या का समाधान करेगा.
वॉटर एंड एग्रीकल्चरल प्रैक्टिसेज को चेक करेंगे ड्रोन
योजना के जरिए नेचुरल रिसोर्स मैनेजमेंट, वॉटर एंड एग्रीकल्चरल प्रैक्टिसेज को चेक करने के लिए भी ड्रोन का उपयोग किया जायेगा. ड्रोन्स में अच्छी क्वालिटी के कैमरे लगाए जाएंगे. ड्रोन द्वारा जो भी इमेजेज और वीडियो इकठ्ठा किये जाएंगे, उनके लिए एक अलग से डैशबोर्ड बनाने का प्रस्ताव दिया गया है.
रूरल सेक्टर्स को साइंस एंड टेक से जोड़ रहे मोदी
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने भी 77वें स्वतंत्रता दिवस के दिन रेड फोर्ट (Red Fort) पर रूरल सेक्टर्स को साइंस एंड टेक से जोड़ने पर जोर दिया था. PM Modi ने यह भी बताया था कि पंद्रह हज़ार सेल्फ हेल्प ग्रुप्स (Self Help Groups) की महिलाओं को ड्रोन बनाने और ऑपरेट करने के लिए उन्हें लोन और ट्रेनिंग दी जाएगी.