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Image Credits: Ravivar Vichar
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34 गोल्ड मेडल जीतने वाली चेन्नई की अरुणमोझी जब एक्सरसाइज़ के लिए जिम में रेंगती थीं, तो समाज की असंवेदनशीलता पूरी तरह उजागर हो जाती थी. लेकिन अब वो दौर बदल रहा है.
चेन्नई में खुला है तमिलनाडु का पहला Fully Adaptive Gym for Differently Abled Women, जो सिर्फ़ एक्सरसाइज़ की जगह नहीं बल्कि सम्मान की जगह बन गया है.
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ये जिम कोई CSR गिमिक नहीं, बल्कि Better World Shelter की महिलाओं की एक सशक्त मांग का परिणाम है. उन्होंने कहा – “हमें भी हेल्दी रहने का हक है” और Dorcas Research Centre की ट्रस्टी Aishwarya Rajyalakshmi Rao ने इसे गंभीरता से लिया.
Greater Chennai Corporation और Youth Welfare & Sports Development Ministry की साझेदारी में 1 मार्च 2025 को ये जिम जनता के लिए खोला गया. यह जिम सिर्फ़ फिटनेस का स्पेस नहीं, बल्कि आत्मनिर्भरता का केंद्र बन रहा है — महिलाओं के लिए जो कभी समाज से छुपी हुई थीं.
यह जिम Better World Shelter में स्थित है, जहां divyang महिलाएं रहती हैं. इन्हीं की ज़रूरतों और सुझावों से इसकी रूपरेखा बनी है.
Arunmozhi कहती हैं:
"पहले मशीन तक पहुंचने के लिए रेंगना पड़ता था. अब ये मेरी जगह है – मेरी ताकत की जगह."
Nadhia, जो एक अंतरराष्ट्रीय पावरलिफ्टर हैं, इसे एक training ground for future disabled fitness coaches मानती हैं.
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इस पहल में Chennai Corporation ने दिखाया कि नगरपालिकाएं सिर्फ़ सड़कों की मरम्मत ही नहीं करतीं, बल्कि लोगों की मर्यादा भी सुधार सकती हैं.
ये जिम उन सभी शहरों के लिए आइना है, जहाँ अब भी differently abled women को basic fitness facilities भी नहीं मिलतीं.
आज जब देश की हर गली में gyms खुल रहे हैं, तब ऐसा जिम जो disabled women fitness को ध्यान में रखकर डिजाइन किया गया हो, एक silent revolution है.
ये स्पेस महिलाओं को न सिर्फ़ शारीरिक शक्ति देता है, बल्कि ये भी कहता है –
"तुम्हारी बॉडी लिमिटेड हो सकती है, लेकिन तुम्हारी संभावनाएं नहीं."
इस जिम की शुरूआत से साबित होता है कि अगर नीयत हो, तो बदलाव संभव है. चेन्नई की महिलाएं आज सिर्फ़ वज़न नहीं उठा रहीं, वो समाज के बोझ को हटा रही हैं — और हमें बता रही हैं कि Empowerment की असली शुरुआत, समावेश से होती है.