SHG महिलाएं घर के काम, व्यवसाय के साथ अब पर्यावरण को बचाने के लिए, पौधें लगाकर बढ़-चढ़कर योगदान दे रहीं, साथ ही प्लास्टिक संग्रहण, जल संरक्षण और प्रदुषण को नियंत्रित करने के लिए लोगों में जागरूकता फैला रही है.
हरियाणा SHGs महिलाएं लगा रहीं पौधें
पर्यावरण को बचाने के लिए हरियाणा (Haryana) में भी, हरियाणा राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (Haryana State Rural Livelihood Mission) के जरिए महिला स्वयं सहायता समूहों के सदस्यों को अलग-अलग फल और औशधीय पौधे लगाने के लिए शामिल किया गया. करनाल (Karnal) जिला परिषद ने अमृत सरोवर योजना (Amrit Sarovar Yojana) के तहत, तालाबों के चारों ओर, सरकारी स्कूलों, श्मशान घाटों और स्टेडियम के परिसर में और सड़क के किनारे 80 हज़ार पौधे लगाने का लक्ष्य बनाया गया, जिसमे अब तक Self Help Groups की महिलाओं ने 58 हज़ार पौधे लगा चुकी हैं. 56 हज़ार SHG महिलाओं में से 40 हज़ार महिलाएं गांव में पौधे लगाकर पर्यावरण के संरक्षण में योगदान दे रहीं.
80 हज़ार पौधों में से 10 हज़ार पौधे हर ब्लॉक में लगाए जायेंगे. इस अभियान के जरिए दो साल में विकसित हुए ऑक्सी-वैन (ऑक्सीजन वन) को भी सभी ब्लॉकों में पुनर्जीवित किया जाएगा। सभी ग्राम पंचायतों में 1 से 7 अगस्त तक " स्वच्छ हरित पंचायत अभियान " (Clean Green Panchayat Campaign) चलाया गया. जिसमे अलग-अलग कार्यक्रम, जैसे ग्राम सभा की बैठकें और प्लास्टिक कचरा संग्रहण कार्यक्रम (Plastic Waste Collection Program) को शामिल किया गया। अंतिम दिन में " एक पेड़ विश्वास का " अभियान (One Tree Of Faith Campaign) का आयोजन हुआ, जिसमे 75 पौधों की एक वाटिका विकसित की गई, उसमे शहीदों और स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि दी गई। " मेरी माटी मेरा देश " अभियान (My Soil My Country Campaign) को " आज़ादी के अमृत महोत्सव " (Amrit Mahotsav Of Independence) के तहत 9 से 15 अगस्त तक चलाया जायेगा।
SHG महिलाएं साक्षरता, संवेदनशीलता और सामाजिक संघर्ष के बावजूद अपने गावों में पर्यावरण सुरक्षा के लिए पूर्ण समर्पण के साथ काम कर रहीं है. समूह की महिलाएं हरियाणा के नेचुरल रिसोर्सेज को बचाने के लिए और लगातार पर्यावरण को स्वस्थ्य रखने में महत्वपूर्ण योगदान दे रहीं.