संयुक्त राष्ट्र (United Nations UN) में भारत की स्थायी प्रतिनिधि (Permanent Representative) रुचिरा कंबोज (Ruchira Kamboj) महिलाओं, शांति और सुरक्षा के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया. उन्होंने यौन हिंसा संबंधी मामलों के निदान में देश के व्यापक दृष्टिकोण को स्पष्ट किया.
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (United Nation Security Council UNSC) को संबोधित करते हुए कंबोज ने कहा कि भारत सरकार ने महिलाओं के लिए राष्ट्रीय और राज्य विधानसभाओं में एक तिहाई सीटें आरक्षित करने के लिए संविधान में संशोधन किया है.
संयुक्त राष्ट्र शांति मिशनों में भारत का महत्वपूर्ण योगदान
शीर्ष भारतीय राजनयिक कंबोज ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में 'विसैन्यीकरण और लिंग-उत्तरदायी हथियार नियंत्रण के माध्यम से संघर्ष-संबंधित यौन हिंसा पर रोक' (Preventing Conflict-Related Sexual Violence (CRSV) through Demilitarisation and Gender-Responsive Arms Control) पर एक खुली बहस को संबोधित किया. उन्होंने कहा "महिला शांति और सुरक्षा एजेंडे के प्रति हमारे देश का समर्पण संघर्ष संबंधी यौन हिंसा से निपटने के लिए एक व्यापक दृष्टिकोण के माध्यम से प्रदर्शित होता है. इस दृष्टिकोण में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग, राष्ट्रीय नीति सुधार और जमीनी स्तर की पहल शामिल हैं. अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत ने संयुक्त राष्ट्र शांति मिशनों में महत्वपूर्ण योगदान दिया है और शांति और सुरक्षा नीतियों में लैंगिक दृष्टिकोण को शामिल करने की आवश्यकता के बारे में बहुत मुखर रहा है."
भारत का फोकस महिलाओं के विकास पर
CRSV पर यूएनएससी की वार्षिक बहस सदस्य देशों को सशस्त्र संघर्षों में युद्ध, यातना और आतंकवाद की रणनीति के रूप में राष्ट्र और गैर-राष्ट्र भागीदारों को यौन हिंसा से जुड़े उभरते विषयों पर विचार करने का अवसर प्रदान करती है. संयुक्त राष्ट्र शांति मिशनों (UN peacekeeping missions) में भारत के योगदान को याद करते हुए कंबोज ने गर्व से उल्लेख किया "भारतीय महिला शांति सैनिकों ने संघर्ष संबंधी यौन हिंसा को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. साथ ही हमें इस बात पर भी बहुत गर्व है कि मेजर सुमन गवानी (Major Suman Gawani) को संयुक्त राष्ट्र सैन्य लिंग अधिवक्ता (UN Military Gender Advocate) वर्ष 2019 का पुरस्कार दिया गया."
कंबोज ने यौन शोषण और दुर्व्यवहार के पीड़ितों के समर्थन में भारत के सक्रिय उपायों को रेखांकित करते हुए कहा "भारत यौन शोषण और दुर्व्यवहार के पीड़ितों के समर्थन में महासचिव के ट्रस्ट फंड (Secretary-General’s Trust Fund) में योगदान देने वाला पहला देश था."
कंबोज ने जी20 (G20) की अध्यक्षता के दौरान महिलाओं के विकास पर भारत के फोकस के बारे में बताते हुए कहा, "भारत ने महिला सशक्तिकरण (women’s empowerment) और लैंगिक समानता (gender equality) पर ध्यान केंद्रित करते हुए महिला नेतृत्व वाले विकास पर अंतर्राष्ट्रीय समुदाय का ध्यान आकर्षित किया था."