बीकानेरी 'बाजरा' भुजिया

Central Arid Zone Research Institute (CAZRI) ने बीकानेर की प्रचलित भुजिया के साथ बाजरे का भुजिया भी तैयार करना शुरू कर दिया हैं. बाजरे में थोड़ा सा मूंग मिलाकर एक बहुत ही स्वादिस्ट और पौष्टिक स्नैक तैयार किया जा रहा हैं.

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रिसिका जोशी
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Bikaneri bajra bhujiya

Image Credits: Using Diversity- Keystone Foundation

UN ने 2023 को जब से 'Millet Year' घोसित किया है, देश में मिलेट को लेकर जागरूकता फ़ैलाने के लिए केंद्रीय और राज्य सरकार बहुत सी योजनाएं और पहल शुरू कर चुकी है. इसी कड़ी को आगे बढ़ाते हुए Central Arid Zone Research Institute (CAZRI) ने बीकानेर की प्रचलित भुजिया के साथ बाजरे का भुजिया भी तैयार करना शुरू कर दिया हैं. बाजरे में थोड़ा सा मूंग मिलाकर एक बहुत ही स्वादिस्ट और पौष्टिक स्नैक तैयार किया जा रहा हैं. स्वाद में कोई फर्क नहीं लेकिन बीकानेरी भुजिया से कई अधिक पौष्टिक यह भुजिया छोटे बच्चे से लेकर बुजुर्ग तक आसानी से खा सकते हैं.

'CAZRI' की ओर से विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के एक प्रोजेक्ट के तहत BITS-PILANI के तकनीकी सहयोग से गावों में महिलाओं का स्वयं सहायता समूह (SHG) बनाकर बाजरे के उत्पाद तैयार किए जा रहे हैं जिससे महिलाओं में स्वरोजगार के मौके पैदा की जा सके. बहुत सी ग्रामीण महिलाएं पहले से ही बाजरे से कई उत्पाद बनती रहती हैं. यह पहल उन्हें आत्मनिर्भर बनाने में बहुत मदद करेगी. खाने पिने में हर राज्य की कुछ न कुछ खासियत होती हैं. महिलाएं इन उत्पादों को तैयार कर देश दुनिया तक पहुंचा सकती हैं. राजस्थान की यह पहल महिलाओं, उनके परिवारों के स्वास्थ्य के लिए एक बहुत अच्छा कदम साबित होगा.

BITS-PILANI विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग बीकानेर की प्रचलित भुजिया CAZRI Central Arid Zone Research Institute Millet Year SHG स्वयं सहायता समूह