मातृ स्वास्थ्य (maternal health) सुधार के लिए भारत में महत्वपूर्ण प्रगति हुई है. जिसका प्रमाण मातृ मृत्यु अनुपात (Maternal Mortality Ratio) में उल्लेखनीय कमी है, जो 2011-13 में 167 से घटकर 2018-20 में 97 हो गया. शिशु मृत्यु दर (Infant Mortality Rate) 28 पर है, जो एसडीजी (Sustainable Development Goals SDG) की दिशा में प्रगति दिखता है. आशा कार्यक्रम (ASHA program) के माध्यम से, भारत ने स्वास्थ्य देखभाल को बढ़ाया है, जिसके परिणामस्वरूप अब लगभग 89% जन्म चिकित्सा संस्थानों में होते है.
Menstrual Health Products तक पहुंच में हुआ सुधार
प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (Pradhan Mantri Matru Vandana Yojana PMMVY) ने 33.1 मिलियन से अधिक माताओं को वित्तीय सहायता प्रदान की, जिससे बच्चे के जन्म के बाद स्वास्थ्य लाभ और आराम को बढ़ावा मिला. इसके अतिरिक्त, भारत द्वारा सैनिटरी नैपकिन (sanitary napkins) पर करों को समाप्त करने और उनकी कीमत को प्रति पैड लगभग एक पेंस (one pence) तक कम करने से मासिक धर्म स्वास्थ्य उत्पादों (menstrual health products) तक पहुंच में सुधार हुआ है.
पोषण ट्रैकर (POSHAN Tracker) 101 मिलियन से अधिक बच्चों और माताओं की भलाई पर नज़र रखता है, जिसे आयुष्मान भारत योजना (Ayushman Bharat Yojana) का साथ मिलता है, इस तरह का व्यापक चिकित्सा पैकेज वंचित महिलाओं की सहायता करता है.
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PMJAY से सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज को बढ़ावा
प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (Pradhan Mantri Jan Arogya Yojana PMJAY), दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना, सबसे गरीब 40% आबादी को लक्षित करती है. इसमें प्रति परिवार सालाना 5 लाख रुपये से अस्पताल में भर्ती को कवर करते है और 22.7 मिलियन से अधिक अस्पताल में प्रवेश की सुविधा प्रदान की जाती है. यह योजना आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (Ayushman Bharat Digital Mission) के माध्यम से राज्य स्वास्थ्य पहल और डिजिटल प्लेटफॉर्म को एकीकृत करती है, जिससे एक एकीकृत स्वास्थ्य आईडी प्रणाली बनती है. यह पहल न केवल घरेलू खर्चों को कम करती है, जो सालाना लाखों लोगों को गरीब बना देता है, बल्कि सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज को भी आगे बढ़ाता है, जो अन्य विकासशील देशों के लिए एक मॉडल स्थापित करता है.
भारत के सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम (Universal Immunization Programme) ने गहन मिशन इंद्रधनुष (Mission Indradhanush) के माध्यम से बच्चों और गर्भवती महिलाओं के लिए टीकाकरण कवरेज का काफी विस्तार किया है, जिसमें 38.6 मिलियन बच्चों और 9.68 मिलियन गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण किया गया.
भारत करता है SDG परियोजनाओं का समर्थन
शिक्षा में, हमारा वर्तमान ध्यान गुणवत्ता में सुधार, माध्यमिक और तृतीयक शिक्षा का विस्तार, और युवाओं की रोजगार क्षमता बढ़ाने और लिंग अंतर को कम करने के लिए कौशल विकास (skills development) पर है. बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ (Beti Bachao Beti Padhao) कार्यक्रम जागरूकता पैदा करके और लड़कियों की शिक्षा की वकालत करके महिला सशक्तिकरण (women empowerment) को बढ़ावा देता है.
भारत दक्षिण-दक्षिण (South-South) और त्रिकोणीय सहयोग (Triangular Cooperation) के माध्यम से सतत विकास के लिए अपनी वैश्विक साझेदारी को मजबूत कर रहा है. भारत-संयुक्त राष्ट्र विकास साझेदारी निधि (India-UN Development Partnership Fund) के माध्यम से, भारत उन परियोजनाओं का समर्थन करता है जो एसडीजी (SDG) के ढांचे के भीतर आईसीपीडी (International Conference on Population and Development ICPD) एजेंडा की प्रगति पर नज़र रखने के लिए डेटा की उपलब्धता में सुधार करते है.
प्रभावी विकास योजना के लिए जनसांख्यिकीय रुझानों को अपनाना, बढ़ती आबादी को समायोजित करने के लिए विस्तार की आवश्यकता वाले क्षेत्रों की पहचान करना और तेजी से टिकाऊ विकास की संभावना वाले क्षेत्रों की पहचान करना, कुशल संसाधन आवंटन सुनिश्चित करना आवश्यक है.
2030 एजेंडा के साथ-साथ आईसीपीडी (ICPD Programme) कार्रवाई कार्यक्रम को क्रियान्वित करने के लिए एक सहयोगात्मक दृष्टिकोण कार्रवाई के लिए एक मजबूत आधार स्थापित करता है. अंत में, मैं एसडीजी की समीक्षा और कार्यान्वयन के संदर्भ में, आईसीपीडी एजेंडे के प्रति अपनी दृढ़ प्रतिबद्धता दोहराती हूं.
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