महिला सशक्तिकरण (women empowerment) का लक्ष्य पूरा करने के लिए सरकार अलग-अलग योजनाओं के ज़रिये महिलाओं की आर्थिक आज़ादी (financial freedom) पर ध्यान दे रही है. इसके लिए सरकार फाइनेंशियल इन्क्लूशन (financial inclusion) को बढ़ावा दे रही है, ख़ासकर कम आय वर्ग की महिलाओं के बीच.
प्रधान मंत्री जन धन योजना के ज़रिये बैंक अकाउंट होल्डर बनी महिलाएं
भारत ने प्रधान मंत्री जन धन योजना (PMJDY) के ज़रिये बैंक खाते के स्वामित्व में अंतर को कम करने में अहम प्रगति की है, जो दूसरे देशों के लिए उदाहरण है. खुदका बैंक खाता महिलाओं को पैसे के आसान लेन-देन, सुरक्षित बचत, क्रेडिट और बीमा तक पहुंचने में मदद करता है.
![MFI SHG](https://img-cdn.thepublive.com/filters:format(webp)/ravivar-vichar/media/media_files/6asxnprntx5wsxLloPMY.jpg)
Image Credits: Google Images
गुड बिजनेस लैब के एक सर्वेक्षण में, कर्नाटक की एक कपड़ा फैक्ट्री में काम करने वाली 900 से ज़्यादा महिलाओं से कुछ सवाल पूछे गए. औसतन 31 वर्ष की शिक्षित इन महिलाओं को मासिक वेतन सीधे बैंक जमा के ज़रिये से मिलता था. सर्वेक्षण में शामिल सिर्फ 50% महिलाएं डेबिट कार्ड के इस्तेमाल से परिचित थीं. 50% से ज़्यादा ATM से पैसे निकालने के लिए परिवार के सदस्यों या भरोसेमंद व्यक्तियों पर निर्भर थीं.
यह भी पढ़ें : Financial literacy में gender gap को खत्म करना है ज़रूरी
90% महिलाओं के पास स्मार्टफोन, पर सिर्फ 15% कर रहीं UPI या इंटरनेट बैंकिंग का इस्तेमाल
बैंकिंग सर्विसेज से जुड़ी ज़रूरी जानकारी न होने की वजहों में धन खोने की चिंताएं, गतिशीलता सीमाएं और उनकी कमाई पर सीमित नियंत्रण की भावना शामिल है. 90% घरों में स्मार्टफोन होने के बावजूद, केवल 15% महिलाओं ने भुगतान के लिए UPI या इंटरनेट बैंकिंग का इस्तेमाल किया.
![MFI SHG](https://img-cdn.thepublive.com/filters:format(webp)/ravivar-vichar/media/media_files/EgTg3025BqVDAlSKDqp0.png)
Image Credits: Google Images
वेतनभोगी रोजगार होने के बावजूद बैंकिंग सर्विसेज तक महिलाओं की पहुंच सीमित है. अनौपचारिक परिवेश और ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं के लिए यह स्थिति और भी ज़्यादा चुनौतीपूर्ण है.
कम आय वाली महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए सरकारों, वित्तीय संस्थानों, और फिनटेक कंपनियों के सहयोग की ज़रुरत है. आर्थिक आज़ादी तक महिलाओं को पहुंच देने के लिए यूज़र-फ्रेंडली समाधानों को लागू करना होगा. फाइनेंशियल इन्क्लूशन को बढ़ावा देना होगा ताकि महिलाएं न सिर्फ वित्तीय सेवाओं के बारे में जागरूक हों, बल्कि अपनी भलाई के लिए इन सेवाओं को इस्तेमाल भी करें.
यह भी पढ़ें : SHG, Fintech के साथ Financial Inclusion की ओर बढ़ रहीं ग्रामीण महिलाएं