G20 के एजेंडा को पूरा करेगी SHG की नारी शक्ति

भारत ने कौशल और ऋण तक महिलाओं को आसान पहुंच देकर अपने लैंगिक समानता के एजेंडे और महिलाओं की भागीदारी को आगे बढ़ाया है. महिलाओं की उद्यमिता को प्रोत्साहन देने से भी इस एजेंडे को बढ़ावा मिला है. भारत का मानना ​​है कि लैंगिक एजेंडा देश की प्राथमिकता है.

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G20 देशों की अध्यक्षता के ज़रिये  भारत लैंगिक समानता और महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में बदलाव लाने के मिशन पर है. भारत चुनौतियों को अवसरों में बदलकर, महिलाओं को हर क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित कर रहा है. विश्व बैंक द्वारा वाशिंगटन में आयोजित "उद्यमियों और नेताओं के रूप में महिलाओं को सशक्त बनाने" पर एक पैनल चर्चा में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भाग लिया. उन्होंने बताया कि भारत 'महिला-नेतृत्व' विकास पर ध्यान केंद्रित कर रहा है, न कि केवल 'महिला-केंद्रित' विकास पर. वर्ल्ड बैंक के अध्यक्ष डेविड मलपास ने कहा किभारत लैंगिक मुद्दे को लेकर "गहरी दिलचस्पी और चिंता" दिखा रहा है.

"अपना व्यवसाय शुरू करना महिलाओं के सशक्तिकरण का सबसे बेहतर साधन है. वित्त, कौशल और डिजिटल प्रौद्योगिकी तक पहुंच को सक्षम बनाना ज़रूरी है," मलपास ने कहा. निश्चित रूप से, भारत ने कौशल और ऋण तक महिलाओं को आसान पहुंच देकर अपने लैंगिक समानता के एजेंडे और महिलाओं की भागीदारी को आगे बढ़ाया है. महिलाओं की उद्यमिता को प्रोत्साहन देने से भी इस एजेंडे को बढ़ावा मिला है. भारत का मानना ​​है कि लैंगिक एजेंडा देश की प्राथमिकता है जिसे केंद्र में रखा गया.

G20 एम्पॉवर महिलाओं की भागीदारी पर ध्यान केंद्रित करने वाले सदस्यों का एक गठबंधन है.  'G20 एम्पॉवर -एम्पावरमेंट एंड प्रोग्रेशन ऑफ़ विमेंस  इकनॉमिक रिप्रजेंटेशन 2023' को भारत की अध्यक्षता में महिलाओं को सशक्त बनाने, उनकी आकांक्षाओं का समर्थन करने और G20 देशों में महिलाओं और लड़कियों के लिए पर्याप्त अवसर पैदा करने के लिए एक सार्थक प्लेटफार्म के रूप में देखा गया. 

पिछले स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले से राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा था कि महिलाओं की भागीदारी और उनकी भूमिका भारत के विकास का आधार बनेगी. भारत की जीडीपी (सकल घरेलु उत्पाद) में महिलाओं का योगदान 18% है, केंद्र का उद्देश्य इस संख्या में उल्लेखनीय बढ़ोतरी करना है. इसके लिए सरकार ने कई कदम उठाये. प्रधान मंत्री जन धन योजना के तहत 46 करोड़ से अधिक बैंक खाते खोले गए जिसमे 56 % महिलाओं के हैं.

स्वयं सहता समूहों से जुड़कर गाँव की महिलायें देश में आर्थिक क्रांति की अगुवाई कर रही हैं.  ये महिलाएं विभिन्न क्षेत्रों से जुड़कर नारी शक्ति का प्रतिनिधित्व कर रही हैं. आज देशभर में 5.43 लाख स्वयं सहायता समूह हैं जिससे जुड़कर ये महिलाएं अपना रोज़गार शुरू कर रही हैं और  देश की इकॉनमी को बूस्ट दे रही हैं. ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह ने जल्द ही SHG बैंक की शुरुआत करने की भी घोषणा की है. G20 की अध्यक्षता ने भारत को लैंगिक समानता के क्षेत्र में अपनी पहचान बनाने के लिए एक ऐसा प्लेटफॉर्म दिया जिससे ग्लोबल लेवल पर प्रभाव पड़ेगा. 

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