Steel Industry में मज़बूत इरादों से अपनी जगह बना रहीं महिलाएं

CSR गतिविधियों के तहत SHGs को तो समर्थन मिला ही, पर साथ में स्थानीय महिलाओं को स्टील रोलिंग मिलों में अहम भूमिका निभाने का मौका मिला. वे आज इंजीनियर, मेटलर्जिस्ट और क्वालिटी कंट्रोल एक्सपर्ट्स के रूप में काम कर अपनी योग्यता साबित कर रही हैं.

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मिस्बाह
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Image: Ravivar vichar

दूसरे उद्योगों की तरह, स्टील इंस्डस्ट्री (steel industry) में भी महिलाओं की लीडरशिप, परिदृश्य को बदल रही है और कार्यबल में इन्क्लूसिविटी को बढ़ावा दे रही है.

जाजपुर में महिलाएं ला रहीं सामाजिक क्रांति 

भुवनेश्वर से लगभग 100 किलोमीटर दूर उड़िया के जाजपुर (Jajpur) में सामाजिक क्रांति पनप रही है. जाजपुर औद्योगिक केंद्र है, जिसे ओडिशा सरकार झारखंड के प्रसिद्ध जमशेदपुर के प्रोटोटाइप में विकसित करने का प्रयास कर रही है.

जाजपुर टाटा स्टील और जिंदल स्टेनलेस जैसी बड़े ब्रांडों ने जंगली इलाके में न केवल स्टील बनाया, बल्कि एक सामाजिक क्रांति (social revolution) भी शुरु की. यह सामाजिक क्रांति किसी कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी (CSR) से जुड़ी नहीं है, बल्कि उत्पादन और विपणन के मुख्य क्षेत्रों से पनपी है.

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Image Credits: Tata Steel Mining Limited

जाजपुर में जिंदल स्टेनलेस (Jindal Stainless) के यूनिट प्रमुख दीपक अग्रवाल के अनुसार, पहले दिन से यह ध्यान में रखा गया कि जब भर्ती हो या नेतृत्व की भूमिका तय की जाएं, तो महिलाओं के खिलाफ कोई भेदभाव (gender inequality) न हो. उनके साहस और दृढ़ता को सलाम, क्योंकि उन्होंने बेहद दुर्गम इलाके की चुनौतियों को पार करते हुए सबसे आधुनिक स्टेनलेस स्टील प्लांट और उसके आसपास टाउनशिप शुरू करने में मदद की.

जिंदल स्टेनलेस प्लांट में 136 महिला कर्मचारियों में से 74 इंजीनियर

CSR गतिविधियों के तहत स्वयं सहायता समूहों (Self Help groups formed under CSR) को तो समर्थन मिला ही, पर साथ में स्थानीय महिलाओं को स्टील रोलिंग मिलों में अहम भूमिका निभाने का मौका मिला. जाजपुर में जिंदल स्टेनलेस के कर्मचारी सर्वे से पता चला कि 136 महिला कर्मचारियों में से 74 इंजीनियर हैं और उनमें से 50 शॉप फ्लोर पर काम करती हैं.

वर्षों से, मैन्युफैक्चरिंग और मेटलर्जी क्षेत्रों को महिलाओं के लिए चुनौतीपूर्ण माना जाता रहा है. लेकिन, धीरे-धीरे इन बाधाओं को पार करते हुए महिलाएं इस फील्ड में विविध भूमिकाएं निभा रही हैं. वे आज इंजीनियर, मेटलर्जिस्ट और क्वालिटी कंट्रोल एक्सपर्ट्स के रूप में काम कर अपनी योग्यता साबित कर रही हैं.

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Image Credits: Tata Steel Mining Limited

“महिलाओं के लिए शिक्षा के अवसरों में बढ़ोतरी, लिंग भूमिकाओं के प्रति बदलते सामाजिक नज़रिये और कार्यबल में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ावा देने वाली सरकारी पहलों की वजह से ये बदलाव मुमकिन हो सका है (ways to empower women). इससे नेतृत्व पोसिशन्स में विविधता और इन्क्लूसिविटी को बढ़ावा मिला है” डॉ डीडी ने कहा, जो दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में समाजशास्त्र विभाग में पढ़ाते हैं.

स्टेनलेस स्टील उद्योग में अहम भूमिकाएं निभा रहीं महिलाएं 

महिलाओं ने न सिर्फ शॉप फ्लोर पर बल्कि स्टेनलेस स्टील उद्योग के विभिन्न क्षेत्रों, जैसे अनुसंधान और विकास, मार्केटिंग, फाइनेंस, ह्यूमन रिसोर्स और संचालन में उल्लेखनीय प्रगति की है (women in workforce).

जिंदल के जाजपुर प्लांट में 136 महिला कर्मचारियों में से 22 लीडरशिप पोसिशन्स संभाल रही हैं. महिलाएं कार्यबल में भी सक्रिय रूप से भाग ले रही हैं. चाहे वह भारी मशीनरी का संचालन करना हो, क्वालिटी चेक करना हो या लॉजिस्टिक्स की देखरेख करना, महिलाएं स्टेनलेस स्टील उद्योग में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं. 

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Image Credits: The Print

बिजनेस अर्थशास्त्री और दिल्ली विश्वविद्यालय के श्यामलाल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. रबी नारायण कर कहते हैं, “कंपनियां लैंगिक विविधता की अहमियत को तेजी से पहचान रही हैं और ज़्यादा से ज़्यादा महिलाओं को उद्योग में शामिल होने और आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करते हुए नीतियों और पहलों को लागू कर रही हैं."

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