ग़ज़लों की मल्लिका थी बेग़म अख़्तर

वीडियो : फैज़ाबाद के एक ऐसे परिवार में जन्म लिया था इस मल्लिका- ऐ- ग़ज़ल ने, जहां दूर-दूर तक कोई भी संगीत से जुड़ा हुआ नहीं था. उत्तर प्रदेश के छोटे से शहर फैज़ाबाद में, 7 अक्टूबर 1914 को, अख्तरी बाई फ़ैज़ाबादी का जन्म हुआ.

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ग़ज़लों की मल्लिका थी बेग़म अख़्तर

मां की परवरिश में अख्तरी बाई फ़ैज़ाबादी पूरी दुनिया के लिए बेग़म अख़्तर (Begum Akhtar) बनी. 7 साल की उम्र में उन्होंने चंद्रा बाई की धुनों को सुना और मंत्रमुग्द हो गयीं. तय कर लिया था कि अब इसी क्षेत्र में आगे बढ़ना है. अपने परिवार की संगीत पृष्ठभूमि की कमी के बावजूद, बेग़म अख़्तर के जुनून ने उन्हें प्रसिद्ध उस्तादों से प्रशिक्षण लेने के लिए प्रेरित किया. उन्हें सारंगी वादक उस्ताद इमदाद खान और बाद में पटियाला के अता मोहम्मद खान से मार्गदर्शन मिला. कलकत्ता में, उन्होंने मोहम्मद खान, लाहौर के अब्दुल वहीद खान और उस्ताद झंडे खान के संरक्षण में अपने शास्त्रीय संगीत कौशल को निखारा.