आज भी जब घर के बड़े इनके गानों को सुनते है सारे काम हटाकर इनकी बेहद सुरीली आवाज़ सुनने के लिए मजबूर हो जाते है सब. आशा भोंसले, एक ऐसा नाम जिनकी आवाज में हर रंग झलकता है, हर सुर के साथ एक नाता सा बन जाता है. भारत की सबसे महत्वपूर्ण महिलाओं में से एक आशा भोंसले बॉलीवुड म्यूज़िक की pioneer है.
भारत की pioneer सिंगर्स में से एक है आशा ताई
20 और 21 वी शताब्दी की उन महिलाओं में से एक है जिन्होंने इंडियन फिल्म इंडस्ट्री (Indian Film Industry) में महिलाओं के लिए रास्ता तैयार किया है. इतना बड़ा नाम होने के बावजूद भी आशा जी ने अपनी ज़िन्दगी में बहुत से struggles फेस किए लेकिन कभी हार नहीं मानी.
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1933 में Sangli Maharashtra में जन्म हुआ था. दीनानाथ मंगेशकर (Asha Bhonsle Father) पिता थे और शेवंती मंगेशकर मां. अपने पिता की मृत्यु के बाद घर की सबसे बड़ी बहन लता मंगेशकर (Asha bhosle sister) ने काम करना शुरू कर दिया, ताकि सबका पेट पाल सकें.
10 साल की उम्र की गया अपना पहला गीत
आशा भी बहुत अच्छा गाती थी तो उन्होंने भी फिल्म इंडस्ट्री में अपनी आवाज़ के साथ डेब्यू करने की ठान ली. 10 साल की उम्र में "Chala Chala Nav Bala" (Asha bhosle first song) से अपने करियर की शुरुआत की आशा ने. उन्होंने हंसराज बहल की चुनरिया (1948) के लिए "सावन आया" गीत गाकर हिंदी फिल्म इंडस्ट्री (Asha bhosle first song) में डेब्यू किया. बस फिर क्या था उस दिन के बाद उनकी आवाज़ लोगों को इतनी पसंद आने लगी कि डाइरेक्टर्स के कॉल्स रुकते ही नहीं थे. लेकिन एक परेशानी अभी भी थी.
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उस वक़्त 3 फीमेल सिंगर्स इंडस्ट्री को लीड करती थी. उनकी बहन लता मंगेशकर, गीता दत्त और शमशाद बेगम. आशा को अक्सर वो गाने मिलते थे जो इन सिंगर्स ने रिजेक्ट कर दिए होते थे. Low budget films में उन्होंने अपनी आवाज़ दी. लेकिन कभी हार नहीं मानी. उन्होंने 12000 से ज़्यादा गाने गाये. आज वो भारत कि किसी भी सिंगर से कई ज़्यादा है. उस वक़्त की vamps और bad charaters को आवाज़ दी थी आशा भोंसले ने क्योंकि कोई भी स्टोरी इनके बिना खत्म ही नहीं हो सकती.
Queen of Indie Pop है आशा ताई
लता मंगेशकर की आवाज से काफी मिलती हुई आवाज थी आशा की. कभी कभी डाइरेक्टर्स इस कारण confuse भी हो जाया करते थे. कॉल होता था लता के लिए, misunderstanding के कारण आशा को बुला लिया जाता था. आशा ने उस वक़्त ठान लिया कि उन्हें अपनी बहन से कुछ तो अलग करना है नहीं तो उनका नाम खो जाएगा. उस वक़्त से उन्होंने अंग्रेजी फिल्में या उस वक़्त चलने वाले गाने सुनकर अपनी आवाज़ के modulation पर काम करना शुरू कर दिया और आज आशा भोंसले queen of indie pop कही जाती है.
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सिर्फ एक डाइरेक्टर ही अपनी फिल्मों से फेमिनिज़्म को परदे पर नहीं लाता, ये काम आशा भोंसले ने अपने गानों से भी किया है. दम मारो दम, ज़रा सा झूम लू मैं, आओ हुज़ूर, आइए मेहरबान...और ऐसे और भी गाने है जिनमें फीमेल इमोशंस को नॉर्मल से हटकर दिखाया गया है. ऐसे गानें जिन्होंने आज के बॉलीवुड में फीमेल सेंट्रिक सोच को तैयार किया, वो गाए थे आशा ने.
भारत की सबसे influential महिलाओं में से एक
2015 में BBC ने दुनिया की सबसे इंस्पायरिंग फीमेल्स (World most inspiring females BBC) की लिस्ट तैयार की थी. भारत की 7 महिलाएं थी उस लिस्ट में और एक नाम आशा भोंसले का भी था. सिंगिंग में आशा भोंसले का नाम किस मुकाम पर है ये तो आज पूरी दुनिया को पता चल चुका है, लेकिन आशा जी सिर्फ सिंगिंग ही नहीं बल्कि एक्टिंग में भी महारत हासिल कर चुकी है. 2013 में फिल्म 'माई' (Asha Bhonsle Mai) के लिए उनको बहुत सरहाया गया था.
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आशा भोंसले को Dadasaheb Phalke Award (2000), Padma Vibhushan (2008), Banga Bibhushan (2018) और Maharashtra Bhushan (2021) जैसे अवार्ड्स से सम्मानित किया जा चुका है. भारत की सुर साम्राज्ञी है आशा भोंसले, जिन्होंने अपने गांव से एक अलग ही माहौल तैयार कर दिया था. फिल्म तो परदे से उतर जाती है लेकिन उनके गानों को भूल पाना मुश्किल होता है और आवाज़ को लोगों को दिलों में कैसे बसाना है ये आशा जी अच्छे से जानती है.