Andhra pradesh में Anganwadi महिलाओं का protest अभी भी जारी!

आंध्रप्रदेश में आंगनवाड़ी की महिलाएं 12 december 2023 से हड़ताल पर बैठी है. आज 12 जनवरी हो चुकी है लेकिन उनकी सुनाने वाला कोई नहीं है. अपनी शिकायतों के तत्काल समाधान की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों को बुधवार को विजयवाड़ा में हिरासत में लिया गया.

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रिसिका जोशी
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Andhra pradesh Anganwadi protest

Image- Ravivar vichar

कहते है एक बच्चे का पहला विद्यालय उसका घर होता है. वो हर ऐसी बात अपनी मां से सीखता है जो उसे इस दुनिया में जीने के काबिल बनाती है और अपनी परेशानियों का सामना करना भी सीखाती है. लेकिन ज़रूरी नहीं की हर मां अपने बच्चें को सिखाने और समझाने के लिए उसक साथ मौजूद हो. कुछ उसका पेट भरने के लिए मजदूरी पर भी जाती है. ये बात हमसे छिपी तो नहीं है कि देश में ऐसे बहुत से घर भी है, जहां उस नन्हीं सी जान को सारी सुविधाएं नहीं मिलेंगी. ये बात सिर्फ हमें ही बल्कि सरकार को भी पता है. 

तो सरकार ऐसे परिवारों की मदद करने के लिए लाती है बहुत सी पहलें और वादे. बच्चों को अच्छी शिक्षा से लेकर अच्छा और सेहत से भरपूर खाना देने तक के वादे. लेकिन अगर ये कहा जाए कि सिर्फ ज़माना बदला है, कुछ चीज़ें वैसी की वैसी है और उनमें से एक है इन परिवारों के हालात! तो गलत नहीं होगा !

Andhra pradesh anganwadi महिलाएं अब भी हड़ताल पर

बहरहाल, सरकार कहती तो है कि वह अपनी तरफ से पूरी कोशिश कर रही है. मगर आज के हालात तो कुछ और ही कहते है और हालात देखकर समझ आता है कि कही न कही कोई तो कमी छूट रही होगी. एक और जगह है वैसे, जहां सरकार इन परिवारों के हालात सुधारने के लिए अपनी कीमती समय से कुछ समय व्यक्तित करती है. ये शब्द आजकल सुर्ख़ियों में भी बहुत छाया हुआ है. शब्द है 'Anganwadi'. क्यों? क्योंकि Andhra pradesh में आंगनवाड़ी की महिलाएं 12 december 2023 से हड़ताल पर बैठी है.

आज 12 जनवरी हो चुकी है लेकिन उनकी सुनाने वाला कोई नहीं है. ऐसे समझना थोड़ा मुश्किल है. एक काम करते है शुरुआत से शुरू करते है. हड़ताल ख़त्म क्यों नहीं हो रही ये जानने के लिए पहले ये जानना ज़रूरी है की हड़ताल आखिर शुरू हुई क्यों?

तो Andhra Pradesh के आंगनवाड़ी की महिला कर्मचारियों ने अपनी हड़ताल की शुरुआत 12 दिसंबर से की. इन महिलाओं ने जगन मोहन रेड्डी सरकार से उनकी चिंताओं का समाधान करने की मांग की, जिसमें वेतन वृद्धि, ग्रेच्युटी लाभ और retirement की आयु 62 वर्ष तक बढ़ाना, कुछ मुद्दे थे. अब आप सोचेंगे की सरकार की ओर से इन बातों को तो मान लिया गया होगा. महिला कर्मचारियों को भी कुछ ऐसा ही लगा था. कुछ दिन बीतें, कुछ नतीजे सामने नहीं आए. इन्होंने अपने हड़ताल की अवधि बढ़ाने के बारे में सोचा और ऐसा ही किया.  

अपनी शिकायतों के तत्काल समाधान की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों को बुधवार को विजयवाड़ा में हिरासत में लिया गया. इन महिलाओं ने सरकार पर आरोप लगाए थे कि Andhra pradesh government श्रमिकों के लिए केवल 11,500 रुपये और सहायकों के लिए 7,000 रुपये का भुगतान करती है, जबकि वे चाहते है कि सभी श्रमिकों के लिए 26,000 रुपये मासिक वेतन की जाए.

अब सवाल ये है कि सरकार इस काम को क्यों नहीं कर रही? या तो सरकार को लगता है कि ये सारी मांगें ज़रूरी नहीं, या फिर वो इन बातों को सिरे से खारिज कर रही है. ज़रूरतें तो हमेशा बढ़ती ही रहती है. फिर सरकार ये बात तब क्यों भूल जाती है जब इनसे कुछ उम्मीद किया जाए. एक ऐसी ही उम्मीद Andhra pradesh government से भी की थी इन महिलाओं ने. लेकिन आज उनकी गिरफ्तारी की जा रही है. अब किसे सही कहे... अपनी ज़रूरतों को पूरा करने की कोशिश करने वाली इन महिलाओं को या उस सरकार को जिनके पास इन लोगों की बात सुनाने के अलावा सब कुछ करने का समय है.

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