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स्वयं सहायता समूह वो कड़ी बन सकते है जो बाबासाहेब आंबेडकर के सपने को साकार कर सके. उन्होंने हमेशा ही नारी की आज़ादी और जातिविहीन समाज की कल्पना की. स्वयं सहायता समूह इन दोनों परिकल्पनाओं को पूरा करने में सहायक होगा.
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