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आज भी यह किरदार उतने ही नए और अनोखे लगते है. Rabindranath Tagore की इन सारी रचनाओं को पढ़कर कोई यह नहीं कह सकता की वे उस वक़्त के रचियता है. अपने समय से सदियों आगे थे रबीन्द्रनाथ टैगोर और उनके किरदार.
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