Powered by :
अनुवांशिक बीमारी के लिए भारत में भी 4 प्रतिशत लोग अभी भी केरियर बने हुए हैं. केवल भारत में ही एक लाख लोग इस थैलेसीमिया बीमारी से रोज जूझ रहें हैं. 'लेट्स मेक इंदौर एंड इंडिया थैलेसीमिया फ्री 25' के मिशन इसी उम्मीद का नाम है.
इस लेख को साझा करें
यदि आपको यह लेख पसंद आया है, तो इसे अपने दोस्तों के साथ साझा करें।वे आपको बाद में धन्यवाद देंगे