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अपने बच्चों को भूख से तड़पता देख वे अपने चारों बच्चों के साथ ट्रेन कि पटरी पर ज़िंदगी ख़त्म करने चली गई. उनके बच्चे रोते हुए कहने लगे, "माँ, हमें नहीं मरना, हम आज के बाद आपसे कभी खाना नहीं मांगेंगे" इन मासूम शब्दों ने उन्हें दोबारा जीने पर मजबूर कर दिया.
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