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कोरोना काल के बाद धार्मिक पुस्तकें ख़ास कर गीता, रामचरित मानस, शिव पुराण और भागवत जैसी पुस्तकों की बिक्री में दोगुना इजाफा हुआ. कोरोना में लाखों रुपए खर्च करने के बाद भी अपने प्रियजनों को खोने के दुःख ने लोगों को अध्यात्म की ओर सोचने पर विवश कर दिया.
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