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femicide

marital rape domestic violence नज़रिया

जिस्म, दिमाग और रूह की चोट जारी है!

किसी भी तरह की हिंसा, व्यक्ति, समाज और देश के लिए सही नहीं होती. समाज के सबसे महत्वपूर्ण हिस्से पर हो रही हिंसा से देश दुनिया की मनोवृति का पता चलता है. महिलाओं के खिलाफ हो रही अलग अलग हिंसा चाहे घर में या बाहर, हर तरह से गलत और निंदनीय है.

By हेमा वाजपेयी
logoJun 26, 2023 18:42 IST logo 5 Min read
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