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बचपन से ही उन्होंने समाज में दो लिंगों के बीच मौजूद भारी असमानता देखी, पर खुद कभी भी इस तरह के आदेशों का पालन नहीं किया. गिल्ली डंडा, पतंग उड़ाने से लेकर इस्मत ने फुटबॉल जैसे वह सारे खेल खेले जो लड़के खेला करते.
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