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अपनी पुरानी पीढ़ियों की विलुप्त संस्कृति और पहचान रहे रेशम उत्पादन की कला को फिर से जीवित कर दिया. पिछड़े जिले में शामिल छत्तीसगढ़ की महिलाओं ने अपनी मेहनत से न केवल आत्मनिर्भर बनीं, बल्कि अपनी पुरानी परंपरा को लौटा कर ज़िंदगी को रेशम जैसी मखमली बना लिया.
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