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रोशनी महिला स्वसहायता समूह ने लगभग ख़त्म हो चुकी टेराकोटा को फिर से ज़िंदा करने की ठानी. पहुंच गयी अपने गांव के बड़े-बूढ़ों के पास, दिल लगाकर सीखा और धीरे धीरे एक्सपर्ट बन गयी. आखिर, इन महिलाओं ने मिट्टी को तराशकर सोना बना दिया.
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