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हिलाएं यानि किचन और आटे से रोटी बनाने की बात अब गुजरे ज़माने की हो गई. स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को मौका मिला और उन्होंने साबित कर दिया की वे सिर्फ रोटी नहीं बनाना जानती बल्कि लाखों क्विंटल गेहूं खरीद कर उसका हिसाब भी रख सकती हैं.
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