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भारत में 14 करोड़ से ज़्यादा किसान हैं, पर टेस्टिंग लैब 3 हज़ार से भी कम. इस समस्या को दूर करने और बीज बोने से पहले मिट्टी परीक्षण को बढ़ावा देने के लिए डॉ. राजुल पाटकर ने वैज्ञानिकों के साथ मिलकर न्यूट्रीसेंस बनाया.
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