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तक़दीर सिर्फ़ हाथों की लकीरों में नही लिखी होती. हौसला किसी भी मुश्किल से बड़ा होता है. ममता बचपन से एक ऐसी लाइलाज बीमारी से पीड़ित है जिसमें कुछ सालों में ही दोनों हाथ गल गए. पैरों ने चलना बंद कर दिया. हर मुश्किल को पार कर ममता आज दसवीं में आ गई.
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