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जहां कुछ आदिवासी इलाकों में लड़कियां बाइक और दूसरे वाहनों को रिपेयर करते भी दिख रहीं, लेकिन ठेठ आदिवासी गांव की एक महिला ने तो मजदूरी छोड़ गांव के ख़ास बाजार में ऑटो पार्ट्स की दुकान खोल खुद को चर्चा में ला दिया.
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