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मासूम बच्चों के मुंह में निवाला सिर्फ औपचारिक बन कर रह गया. न कटोरी में दाल और न समय पर हरी सब्जियां थाली में रखी गई. पौष्टिक भोजन खिलाने का सरकार का मकसद कई स्कूलों में पूरा ही नहीं हो रहा.
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