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पिछले पांच सालों से, जिले की माही पंचायत के गांवों में ज्योति स्वयं सहायता समूह (SHG) की अनीता और 34 महिलाएं कटलरी, कंटेनर, ट्रे, ज्वेलरी, और सजावट का सामान बनाने के लिए चीड़ की सुइयों जैसी पत्तियां उपयोग कर रही हैं.
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