Powered by :
कई महिलाएं स्वयं सहायता समूहों में सिर्फ इसीलिए जुड़ती हैं ताकि उनके बच्चों की फीस का इंतज़ाम हो सके. कुछ ऐसी ही कहानी है झारखंड कैडर के आईएएस अधिकारी रमेश घोलप की. रमेश की सक्सेस स्टोरी से उनके गांव का बच्चा-बच्चा वाकिफ हैं
इस लेख को साझा करें
यदि आपको यह लेख पसंद आया है, तो इसे अपने दोस्तों के साथ साझा करें।वे आपको बाद में धन्यवाद देंगे