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सूखाग्रस्त

bundelkhand drought हम में है हीरो

पानी की कोई जात नहीं होती

पानी की किल्लत से तंग आकर, कोली दलित महिला चमेला ने हालात बदलने का सोचा. चमेला हर दिन  दूर के कुएं तक पैदल चलते-चलते थक चुकी थी. एक दिन उनका ध्यान पास के एक जंग खा चुके हैंडपंप पर गया जो तीन साल से खराब था. चमेला ने हैंडपंप को ठीक करने का फैसला लिया.

By मिस्बाह
logoMay 13, 2023 17:01 IST logo 3 Min read
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