आज देश में बहुत तेजी से महिलाओं के हालात बदल रहे है. सरकार के साथ-साथ अब हर व्यक्ति भी देश की महिला शक्ति को आगे बढ़ाने के लिए तत्पर है. लोन की सुविधा, व्यापर करने में मदद और न जाने क्या क्या, एक लड़की जिसमें कुछ करने की इच्छा है वह सब कर रही है.
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कौन है सुचिता भोपे?
ऐसी ही एक कहानी है, महाराष्ट्र की सुचिता भोपे की. जलगांव जिले की सुचिता भोपे एक सम्मानित व्यक्ति हैं. वह अपने क्षेत्र में एक कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) चलाती हैं और अपनी समुदाय का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुकी हैं. उनके काम से आज लोगों को सरकारी सेवाओं तक पहुंचने और डिजिटल दुनिया को समझने में मदद मिल रही है. उनकी यात्रा मजबूत संकल्प और बदलाव लाने की प्रतिबद्धता का प्रतीक है.
वह साझा करती हैं- "मेरी शादी जल्दी हो गई थी, लेकिन इससे मुझे वित्तीय रूप से स्वतंत्र बनने से नहीं रोका. मैं हमेशा उन अवसरों के लिए सतर्क रही, जो मुझे वित्तीय रूप से स्थिर बना सकते थे और जरूरतमंद लोगों की मदद कर सकते थे."
एक छोटे से किराए के स्थान से बड़े सपनों तक
एक छोटे से किराए के स्थान और बड़े सपनों के साथ, सुचिता ने अपना CSC स्थापित किया, जहां उन्होंने ऐसे स्थानीय लोगों के लिए बैंकिंग सेवाएं प्रदान कीं जिन्हें ऑनलाइन लेनदेन में परेशानियों का सामना करना पड़ता था. उनके प्रयासों को जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली जब उन्होंने धन हस्तांतरण, आधार कार्ड बनाने और अन्य सेवाएं प्रदान कीं.
वह मुस्कुराते हुए कहती है- "जितनी ज्यादा सेवाएं मैं प्रदान करती हूं, उतना ही ज्यादा कमीशन कमाती हूं इसलिए मुझे कोई शिकायत नहीं है."
वित्तीय स्वतंत्रता की ओर
हालांकि, उनकी महत्वाकांक्षाएं यहीं नहीं रुकीं. अपनी सेवाओं का विस्तार करने और अतिरिक्त उपकरणों में निवेश करने के लिए, सुचिता को 3 लाख रुपये के ऋण की आवश्यकता थी. उनके पति घर और दो बेटों की शिक्षा का खर्चा उठा रहे थे इसीलिए सुचिता जानती थीं कि उन्हें खुद पहल करनी होगी. इसी दौरान उन्होंने महिला मनी लोन के बारे में सुना.
महिला मनी बिज़नेस लोन से लिखा नया अध्याय
महिला मनी के माध्यम से व्यावसायिक ऋण प्राप्त करने वाली अन्य महिलाओं की कहानियों से प्रेरित होकर, सुचिता ने ऋण सत्रों में भाग लिया और आवेदन करने का निर्णय लिया. सभी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद, उनका ऋण स्वीकृत हो गया, जिसने उनकी यात्रा में एक नया अध्याय शुरू किया.
सेवा विस्तार और समुदाय पर प्रभाव
ऋण राशि खाते में जमा होने के बाद, सुचिता ने अपनी जगह खरीदी और अपने केंद्र को नए उपकरणों के साथ सेट किया. इससे न केवल उनकी सेवाओं में सुधार हुआ बल्कि उनकी आय में लगभग 30% की वृद्धि भी हुई. अब, वह न केवल वित्तीय रूप से स्वतंत्र हैं, बल्कि अपने परिवार के खर्चों में भी योगदान दे रही हैं, जिससे उनके पति का बोझ हल्का हो गया है.
सुचिता गर्व से बताती है- "महिला मनी लोन से मुझ बेहद मदद मिली है. मैं अब वित्तीय रूप से सुरक्षित हूं और खुद पर गर्व महसूस करती हूं."
सुचिता का केंद्र तेज़ी से आगे बढ़ रहा है और उनका समुदाय पर प्रभाव गहरा है. आधार कार्ड के लिए आवेदन प्रक्रिया से लेकर स्वास्थ्य बीमा आईडी प्रदान करने तक, वह आशा और सहायता का प्रतीक हैं. उनकी यात्रा #JiyoApneDumPe की भावना को साकार करती है, जिससे अनगिनत महिलाएं अपने भाग्य को अपने हाथों में लेने के लिए प्रेरित होती हैं.
वह कहती है- "लोगों की मदद करना और उनके जीवन में बदलाव देखना मुझे बेहद संतोष देता है. मैं उम्मीद करती हूं कि और भी महिलाएं व्यवसायिक ऋण तक पहुंच सकें और खुद के लिए एक पहचान बना सकें."
सुचिता भोपे ने अपनी दृढ़ता और मेहनत से महाराष्ट्र के ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल सेवाओं को पहुंचाया है. उनकी कहानी हमें विश्वास करने पर मजबूर कर देती है कि यदि हम संकल्प और मेहनत के साथ काम करें, तो किसी भी कठिनाई को पार किया जा सकता है.
इस RavivarVicharXMahilaMoney impact series में, हम सुचिता भोपे जैसी महिलाओं की कहानियां प्रस्तुत करेंगे, जो ना सिर्फ विकास की दृष्टि रखने वाली उद्यमी महिलाएं है बल्कि वे अपने सपनों को हकीकत में बदलने के लिए सक्रिय रूप से काम भी कर रही है.