चार साल की मेहनत रंग लाई, बन गई लखपति दीदी

खेती में काम करने के बावजूद हालत जब नहीं सुधरे, समूह बनाया.संघर्ष खत्म हुआ .मेहनत से लखपति बनने का सपना पूरा हुआ. चार साल की मेहनत रंग लाई बन गई लखपति दीदी.

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चार साल की मेहनत रंग लाई

ग्राहक सेवा केंद्र पर सेवाएं देती कौशल्या (Image: Ravivar Vichar)

CG के जशपुर जिले के छोटे से गांव खुटीटोली की एक महिला की ज़िंदगी को  बिहान ने बदल दिया. bihan के self help group से जुड़ कर कई तरह के कामकाज शुरू किए.धीर-धीरे आत्मनिर्भर बन गई. 

मेहनत के दम पर लाखों में पहुंची सालाना कमाई 

खुटीटोली गांव की रहने वाली कौशल्या विश्वकर्मा ने आजीविका मिशन बिहान से जुड़ी.सक्षम स्वयं सहायता समूह की सदस्य बनी.

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बैंकिंग काम करते हुए सेंटर पर कौशल्या (Image: Ravivar Vichar)  

कौशल्या बताती है-"हमारे पास परिवार की बहुत कम ज़मीन है.इतनी फसल भी नहीं होती. समूह बनाया तो RF लोन 15 हज़ार का मिल गया.इस के बाद CIF से 60 हज़ार रुपए के लोन से हमारी स्थिति सुधरने लगी.हमने गांव में ही किराना दुकान शुरू की.इसके बाद बैंक लिंकेज से 2 लाख का लोन मिलते ही ग्राहक सेवा केंद्र खोला.अब मैं ढाई लाख रुपए सालाना कमा लेती हूं." 

जिला क्लस्टर में मिसाल बनी कौशल्या

कौशल्या विश्वकर्मा ने अपने  SHG के बाद कल्पना महिला संकुल संगठन चेटबा में शामिल हुई.फिर कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा.कांसाबेल ब्लॉक के इस खुटीटोली गांव में कौशल्या ने सफलता की कहानी गढ़ी. lakhpati didi बन गई.

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किराना दुकान संचालित करती हुई कौशल्या बाई (Image: Ravivar Vichar) 

Ajeevika Mission Bihan के DMM Vijay Sharan Prasad कहते हैं-"हमें ख़ुशी है कि छोटे से गांव में बिहान से जुड़ने के बाद कौशल्या की आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ.हम लगातार जिले में ट्रेनिंग और आयोजन करवा रहे जिससे बिहान से जुड़ी महिलाओं को और आत्मनिर्भर बनाया जा सके." 

जशपुर जिले के कलेक्टर DM IAS Dr.Ravi Mittal और जिला पंचायत के CEO IAS Abhishek Kumar खुद SVEEP प्लान को प्रमोट करने के लिए समूह सदस्यों के आयोजनों में पहुंचे.उनका हौसला बढ़ाया.     

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