यह कहानी उन महिलाओं की है, जिन्होंने अपनी मेहनत और संकल्प से दिखाया है कि जीवन के हर मोड़ में वो अड़चनों का सामना कर, अपने सपनों को हकीकत बना सकती है. प्रेम बाई (Prem Bai) के नेतृत्व में धार (Dhar) जिले के ब्लॉक तिरला (Tirla) ग्राम अचाना (Achana) में जनवरी 2022 में विशाल उत्पादक समूह (Vishal Utpadak Samuh) बनाया गया. जिसमें उद्योग सखी जीना भाठी को बनाया गया. स्वयं सहायता समूह के सदस्यों ने गेहूं और चने खरीद कर बेचने का काम शुरू किया. महिला SHGs ने शुरुआत में बयालीस क्विंटल गेंहू (Wheat) और नौ क्विंटल चने (Gram) खरीदे.
गेंहू और चने की खरीदी पर मुनाफ़ा
जब उन्होंने गेंहू की खरीदी कर उसे बेचा तो उन्हें 2,100 रूपए का मुनाफ़ा हुआ. चने बेचकर भी उन्होंने 3 हज़ार रूपए का लाभ कमाया. जिससे समूह की महिलाओं का आत्मविश्वास बढ़ गया. आगे बढ़ते हुए, उन्होंने 150 क्विंटल आलू की खरीदी कर उसे बेचा. अपने सफल प्रयासों को देखकर उनमें और भी काम शुरू करने का प्रयास करने लगीं. समूह से जुड़कर महिलाएं आज अपने जीवन में तरक्की की तरफ बढ़ रहीं है.
Self Help Group (SHG) एक संगठित माध्यम है, जो महिलाओं के आपसी सहयोग, समन्वय और विश्वास की महत्वपूर्णता को दर्शाता है. महिलाओं में प्रेरणा, विचारों और अनुभवों का अदान-प्रदान होता है. समूह द्वारा महिलाएं अपने उद्यमिता और कौशल का उपयोग कर नए व्यवसाय के अवसर ढूढ़ आर्थिक रूप से स्वतंत्र हो रही है. Self help group के माध्यम से महिलाएं एक-दूसरे के साथ सहयोग कर तरक्की की ओर बढ़ रहीं है.
महिला SHGs हो रहीं सशक्त
विशाल उत्पादक समूह की यह कहानी हमे सशक्त महिला समुदाय की शक्ति को महसूस कराती है, जो अपने उद्यमिता, सामर्थ्य और संकल्प से नए रास्तों पर चल रहीं है. महिला SHG उद्योगिक कौशल को बढ़ावा देने के साथ उन्हें आत्मविश्वास, सहस और समर्पण के साथ आगे बढ़ने का संकल्प भी दिखाया है. इस समूह की महिलाएं एक दूसरे का समर्थन कर सामूहिक उत्पादन के जरिए समाज में सम्मान और पहचान बना रहीं है. SHGs महिलाओं के सशक्तिकरण के प्रति समाज में जागरूकता बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहें है.