प्रगति की ओर बढ़ती SHG महिलाएं

राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत SHGs से जुड़ने के बाद देवकन्या ने अपने जीवन को सकारात्मक रूप से परिवर्तित किया. आज वह महीने के 15-20 हज़ार रूपए कमा रहीं है.

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हेमा वाजपेयी
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Image Credits : Economic And Political Weekly

सेल्फ हेल्प ग्रुप महिलाओं की समृद्धि, स्वावलंबन और आत्मनिर्भरता को बढ़ाने की दिशा का माध्यम है. SHG महिलाओं को रोजगार के अवसर दिलाने और उन्हें आर्थिक स्वतंत्रता प्राप्त कराने में मदद कर रहें है. आज self help group देश भर में, महिलाओं की ज़िन्दगी को बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे है. ऐसी ही एक कहानी है देवकन्या की.

समूह के काम संभाल रहीं देवकन्या

देवकन्या सोलंकी (Devkanya Solanki), धार (Dhar) जिले के नालछा (Nalcha) ब्लॉक में स्थित गांव चंदनखेड़ी (Chandankhede) की रहने वाली है. वह गांव में रहकर, एक साधारण सी महिला के रूप में अपना जीवन व्यतीत कर ,अपने परिवार की देखभाल और घर के कामों में व्यस्त रहतीं थी. समूह से जुड़ने से पहले, उनकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी और वह घर के खर्चों के लिए अपने पति पर ही निर्भर थी. मिशन के अधिकारीयों के समझाने के बाद वह वरदान मॉडल आजीविका संकुल स्तरीय संगठन (Livelihood Cluster Level Organization) से जुड़ी. वर्ष 2015 से राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (National Rural Livelihood Mission) के अंतर्गत समूह से जुड़ने के बाद उन्होंने अपने जीवन को सकारात्मक रूप से परिवर्तित किया.

देवकन्या ने खुद का समूह बनाया 

समूह से जुड़ने के बाद देवकन्या, अन्य सदस्यों के साथ मिलकर समूह के कामों को समझने लगीं और फिर उन्होंने खुद का समूह, श्री पार्वती समूह (Shree Parvati Samuh) का गठन किया. समूह से जुड़ने के पहले कुछ वर्षों तक, वह केवल बचत ही जमा करती थी, बाद में उन्होंने समूह के लिए लेन-देन करना, समूह में सदस्यों का रिकॉर्ड बनाना शुरू किया और धीरे-धीरे उनके परिवार की आर्थिक स्थिति भी ठीक होने लगी. 

लोन की मदद से बनाया घर 

अगर आज की बात की करें, तो समूह में महिलाओं को 8 लाख रूपए तक का CLF लोन (CLF Loan) मिलता है, जिसे समय-समय पर चुकता किया जाता है. समूह की मदद से आज देवकन्या ने अपने कच्चे मकान को पक्का बनाने का काम शुरू किया और आज वह बनकर तैयार भी हो गया है. समूह से जुड़ने के बाद उनके रोजगार में भी सुधार आया. आज वह महीने के 15-20 हज़ार रूपए कमा रहीं है. 

देवकन्या ने कक्षा 8वीं तक पढ़ाई की है. Self Help Group से जुड़ने के बाद, देवकन्या में जागरूकता और आत्मविश्वास आया है. आज वह मिशन के द्वारा आयोजित किये गए अलग-अलग ट्रेनिंग में बढ़-चढ़कर कर हिस्सा लेती है. वह समूह व ग्राम संगठन में अध्यक्ष व सचिव के पद पर कार्य के साथ संकुल में सहसचिव के रूप में भी सेवा दे रहीं है. 

देवकन्या ने समूह से जुड़ने के बाद कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और वह लगातार अपने जीवन में  प्रगति की ओर बढ़ती जा रहीं है. SHGs महिलाओं को एक सकारात्मक राश्ता दिखाते है, जो उन्हें स्वतंत्र, सम्मान और समृद्ध की  ओर आगे बढ़ने में मदद करता है.

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