हल चलाने वाली महिला बनी अब हार्वेस्टर की मालकिन

लंबे समय तक परिवार के साथ खेती में हल चलाने में सहयोग देने वाली महिला अब खुद एक हार्वेस्टर की मालकिन बन गई.इस कहानी में महिला के संघर्ष और मेहनत से जुड़ी सफलता की कहानी है.पूरे इलाके में यह पहला मौका है जब कोई महिला के पास हार्वेस्टर है.

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अपने हार्वेस्टर मशीन के साथ सुनीता चौहान (Image: Ravivar Vichar)       

MP के Mandla जिले में रहने वाली सुनीता चौहान की यह कहानी है.परिवार के साथ काम करते हुए सुनीता ने SHG समूह ज्वाइन किया.बेहतर काम और मेहनत से अपना बिज़नेस बढ़ा लिया.अब सुनीता Lakhpati Didi की श्रेणी में आ गई.

Harvester खरीदने के साथ बनी अलग पहचान 

मंडला जिले के बिछिया ब्लॉक अंतर्गत भोंदा गांव की रहने वाली सुनीता चौहान ने self help group ज्वाइन किया.इसके बाद से लगातार रोजगार के मौके मिलते गए.

पराग आजीविका स्वयं सहायता समूह की सुनीता ने बताया-"पहले मैंने CCL loan के माध्यम से एक लाख रुपए की मदद मिल गई.हमने चक्की खरीदी.कपड़ा दुकान के लिए भी लोन लिया.लोन की किश्तें समय पर जमा की.हिम्मत कर के लोन से हमने Harvester मशीन खरीद ली.इससे और कमाई होगी."



ख़ास बात सुनीता के हार्वेस्टर खरीदने के साथ ही फसल निकलने और काटने के लिए बुकिंग मिलने लगी.

बिछिया ब्लॉक की BM Shaheen Parvin Khan ने बताया-"सुनीता ने लगातार मेहनत कर के घर में चक्की,कपड़ा दुकान खोली.इससे आर्थिक स्थिति में सुधर हुआ.ख़ुशी है कि समूह की सदस्य ने बड़ा कदम उठाया."

Marketing के साथ किसानों की करेंगे Counselling  

सुनीता के काम को बढ़ाव देने के लिए भी योजना बनाई. Ajeevika Mission के DPM BD Bhesare ने बताया-"यह जिले के साथ प्रदेश की बड़ी उपलब्धि है.किसी महिला द्वारा इतनी महंगी मशीन खरीदने की हिम्मत दिखाई.लगभग साढ़े 18 लाख रुपए की इस मशीन को ख़रीदा.हम प्रयास करेंगे कि इलाके के किसान इस हार्वेस्टर का उपयोग अपने खेतों के लिए करे.जिससे सुनीता को आर्थिक लाभ हो."

जिला प्रशासन और जिला पंचायत ने के अधिकारियों ने भी सुनीता के काम को मिसाल बताया.

                        

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