घरेलु महिला बनी डिज़ाइनर, दूसरों को दे रही ट्रेनिंग

एक ग्रामीण महिला कई सालों तक घर के कामकाज तक सिमित रही. समय के साथ अपना हुनर बढ़ाया. यही महिला बाद में डिज़ाइनर बनी.खुद के काम के साथ ये दूसरी महिलाओं को ट्रेनिंग दे रही.यह मिसाल बन गई.

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समूह सदस्यों की ट्रेनिंग के दौरान मौजूद महिलाएं (Image: Ravivar Vichar)

CG के Raigarh  जिले के पुसौर जनपद के tinmini गांव की रहने वाली सविता सरल ने अपने कामों से नई पहचान बनाई.self help group और Ajeevika Mission का साथ मिला.खुद अब नए तरीके के कपड़े सिलाई कर रही और दूसरे समूह की महिलाओं के लिए ट्रेनर बन गई.

परेशानियों को हरा कर बनी lakhpati didi 

साल 2019 में सविता सरल नर्मदा स्वयं सहायता समूह से जुड़ी. इसके पहले सविता परिवार में घरेलु काम करती रही.इन सब परेशानियों से निकल कर lakhpati didi तक बन गई.

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सिलाई करते हुए सविता सरल (Image: Ravivar Vichar)             

SHG से जुड़ी सविता बताती है-"SHG से जुड़ने के बाद मुझे मिशन ने हौसला दिया.मुझे सिलाई का शौक था.RF Fund से मुझे पहली मदद मिली.इसके बाद CIF और Bank से लोन मिल गया.सिलाई मशीन खरीद ली.गांव से महिलाएं कपड़े तैयार करने लगी.धीरे-धीरे मुझे स्कूल की यूनिफॉर्म सिलने का भी मौका मिलने लगा.मैं अब 10 से 15 हज़ार रुपए महीने कमाने लगी."              
धीरे-धीरे सविता की पारिवारिक स्थिति सुधर गई. समूह में अलग से काम भी मिलने के कारण नई पहचान बन गई.

ट्रेनिंग देकर महिलाओं को सीखा रही रोज़गार के तरीके 

सविता अपने काम के साथ दूसरी महिलाओं को भी काम सीखा कर रोजगार से जोड़ रही.
रायगढ़ के पुसौर ब्लॉक के आजीविका मिशन की Coordinator Janki Sahu कहती हैं-"टिनमनी गांव की सविता के काम को देखते हुए उसे Resource Book Keepar की जवाबदारी भी दी.सामाजिक काम के साथ सविता अन्य महिलाओं को भी जागरूक कर रही.हम मिशन की ओर से ट्रेनिंग देने भी भेजते हैं.lakhpati didi के रूप में सविता ने मेहनत कर दूसरों को भी प्रेरित कर रही."  

SHG self help group Ajeevika Mission Lakhpati Didi CIF