उदयपुर जिले के बच्चर गांव में रहने वाली कमला बाई की कहानी एक सामान्य किसान परिवार से उठकर असाधारण सपने पूरे करने की कहानी है. जहां एक ओर खेती की तपती धूप उनके हौसले को जांचती, वहीं उनके सपने उन्हें रोज नई ऊर्जा देते. गांव के छोटे से कोने में अपनी मिट्टी से जुड़ी कमला ने अपनी और अपने परिवार की किस्मत को बदलने का संकल्प लिया. इस यात्रा में, उनके कदमों ने ना केवल उनकी भूमि को नया जीवन दिया, बल्कि उन्हें एक उद्यमी के रूप में भी स्थापित किया.
यह भी पढ़ें - BRICS CCI WE 2024 रिपोर्ट: देश की प्रौद्योगिकी और उद्यमिता में महिलाएं
पारंपरिक खेती से उद्यमिता की ओर
कमला बाई का परिवार पीढ़ियों से खेती कर रहा था, लेकिन इससे उन्हें ज्यादा आमदनी नहीं हो पा रही थी. कमला बाई के पति एक निजी संगठन में काम करते थे, लेकिन उनकी कमाई से घर का खर्च बमुश्किल चल पाता था. ऐसे में, कमला बाई ने ठान लिया कि वह अपनी और अपने परिवार की किस्मत खुद बदलेंगी.
उन्होंने गेंदा फूल की खेती को अपने आर्थिक उन्नति का माध्यम बनाया. गेंदा फूल की खेती में कमला बाई को नई तकनीकों और बेहतर कृषि पद्धतियों का ज्ञान नहीं था, जिसे उन्होंने धीरे-धीरे सीखा.
Image Credits - Manjari Foundation
मंजरी फाउंडेशन और डीएस ग्रुप का सहयोग
कमला बाई ने मंजरी फाउंडेशन (Manjari Foundation) और डीएस ग्रुप (DS Group) के उद्यमिता विकास कार्यक्रम में भाग लिया. इस कार्यक्रम में उन्हें खेती की आधुनिक तकनीकें सिखाई गईं और उन्होंने गेंदा फूल के उत्पादन में नई तकनीकों को अपनाया. कमला बाई ने अपने खेत में गेंदा फूलों की खेती शुरू की और इसे व्यवसायिक रूप देने की दिशा में आगे बढ़ीं.
शुरुआती निवेश के रूप में कमला बाई ने अपनी बचत से गेंदा फूल के बीज खरीदे और नर्सरी में उनका पोषण किया. उन्होंने अपने परिवार की मदद से 1 बीघा भूमि में इन पौधों को लगाया. फूलों की कटाई के बाद, कमला बाई ने स्थानीय मंडी में फूल बेचना शुरू किया, जिससे उन्हें अच्छी आमदनी हुई.
गेंदा फूल की खेती के अलावा, कमला बाई ने हरी प्याज की खेती भी शुरू की, जिससे उनकी आमदनी में और वृद्धि हुई. वह सोशल मीडिया का उपयोग करके अपने उत्पादों की मार्केटिंग भी करती हैं, जिससे उनकी पहुंच में और बढ़ोतरी हुई है.
Image Credits - Manjari Foundation
यह भी पढ़ें - Saras Food Festival से जुड़े 150 SHGs ने लिखी सफल उद्यमिता की कहानियां
समाज में प्रेरणा का स्रोत
कमला बाई की सफलता ने उन्हें गांव की अन्य महिलाओं के लिए एक प्रेरणा बना दिया है. वह न केवल एक उद्यमी के रूप में, बल्कि एक सामाजिक उत्थान की आदर्श व्यक्ति के रूप में भी जानी जाती हैं.
कमला बाई की कहानी यह सिखाती है कि संकल्प, सही मार्गदर्शन और कठिन परिश्रम के साथ कोई भी अपने सपनों को सच कर सकता है. वह ग्रामीण भारत में महिलाओं के लिए एक उम्मीद की किरण हैं, जो खुद के दम पर अपने और अपने परिवार की जिंदगी को बेहतर बना रही हैं.
यह भी पढ़ें - भारत में महिला उद्यमिता को बढ़ाना क्यों ज़रूरी?