MP के Katni जिले में किसान दीदियों और किसी सखियों ने अपने दम पर मिसाल कायम कर दी.self help group की सदस्य बन कर कृषि में सिर्फ मजदूरी ही नहीं कर रही बल्कि अब कई तरह से खेती को कमाई का जरिया बना लिया.
कमाई के साथ लोगों की सेहत के लिए अपनाई जैविक
कटनी जिले में हर ब्लॉक में अब SHG से जुड़ी महिलाएं Modern Farming को अपना रही. अपनी कमाई के साथ vegetable production में organic method अपना कर लोगों की सेहत का भी ध्यान रख रहीं.
कटनी के इमलिया गांव की कुसुम बाई का परिवार साहूकारों से कर्ज ले-ले कर परेशान था.
टमाटर खेत में काम करती हुईं कुसुम कुशवाह (Image: Ravivar Vichar)
कुसुम बाई बताती हैं-"हमारे परिवार में सभी 8 सदस्य साथ रहते.स्वयं सहायता समूह से जुड़ने के बाद मुझे पहले 12 हज़ार का RF से पैसा मिला.काम शुरू हुआ.CIF से 50 हज़ार और फिर CCL से एक लाख रुपए की मदद आजीविका मिशन ने दिलवाई.हम जैविक खेती पर काम कर रहे."
कटनी ही जिले की रीठी ब्लॉक के मझगवां की पार्वती कुशवाह ने भी organic farming को अपना कर जीवन में बदलाव किया.
मंडी में बेचने के लिए फूल गोभी तोड़ती पार्वती बाई (Image: Ravivar Vichar)
शारदा माता स्वयं सहायता समूह की पार्वती बताती है-"समूह में जुड़ने और village organization के साथ कृषि सखी की ट्रेनिंग ली.शुरू में 35 हज़ार का लोन लिया.vermicompost खाद बना कर बेचा.धान की खेती में बहुत फायदा हुआ.हर महीने 15 हज़ार रुपए कमा लेते हैं."
समूह को लोन सहायता बनी महिलाओं की संजीवनी कटनी में
कटनी में Ajeevika Mission ने SHG महिलाओं को लोन दिलवाने में मदद की.यही लोन महिलाओं के लिए संजीवनी बन गया.आर्थिक हालात सुधर गए.
मिशन की District Manager (Micro Finance) Seema Singh बताती हैं-"इसी साल 364 समूह को 8 हज़ार 42 लाख का Cash Credit Linkage करवाया. एक हज़ार से अधिक SHG को Revolving Fund और लगभग 7 सौ स्वयं सहायता समूह को Community Investment Fund स्वीकृत करवाया. इस मदद से समूह की महिलाओं को सम्मान की ज़िंदगी मिली."