मुग़ल सल्तनत का इतिहास (Mughal Sultanate history) उन महिलाओं के बिना अधूरा है, जिन्होंने अधिकार के पद संभाल समाज और राजनीति पर गहरा प्रभाव डाला. माना जाता है कि मुग़ल सल्तनत में महिलाओं की पहचान सिर्फ किसी की पत्नी या बेटी होने से होती. इस धारणा को बदला गुलबदन बेग़म, हमीदा बेग़म, महम अंगा और नूरजहां ने (powerful women of mughal empire). प्रतिष्ठित मुग़ल महिलाओं की लिस्ट में छिपा एक और अहम नाम है रोशनआरा बेग़म (Roshanara Begum in hindi).
शाहजहां और मुमताज महल की बेटी थी रोशनआरा बेग़म
रोशनआरा बेग़म (roshanara begum) बादशाह शाहजहां (Shahjahan) और उनकी पसंदीदा पत्नी, मुमताज महल (Mumtaz Mahal) की बेटी थी. वह प्रतिभाशाली महिला थी जिन्होंने मुग़ल राजवंश (Mughals history) की राजनीति और सत्ता में ख़ास भूमिका निभाई. अपनी बुद्धिमत्ता और चालाकी से, रोशनआरा (roshanara begum) अपने भाई दारा शिकोह (Dara SHikoh) की हत्या के पीछे की मास्टरमाइंड थी. उनका झुकाव अपने भाई औरंगज़ेब (Aurangzeb) के प्रति ज़्यादा था. रोशनआरा की वजह से औरंगज़ेब (Aurangzeb) को सिंहासन मिल सका.
Shahjahan and Mumtaz (Image Credits: Alamgir Taj Mahal Guide)
रोशनआरा बेग़म की वजह से औरंगज़ेब को मिला सिंहासन
ऐतिहासिक दस्तावेजों के अनुसार, शाहजहां अपने पसंदीदा बेटे (Shahjahan son) दारा शिकोह को तख़्त-ओ-ताज देना चाहते थे. इस पारिवारिक संकट को शांति से हल करने के लिए औरंगज़ेब को दिल्ली (Delhi Sultanate) आने के लिए आमंत्रित किया. लेकिन शाहजहां (Shahjahan) ने छुपके से औरंगज़ेब को पकड़ने, कैद करने और मारने की योजना बनाई, क्योंकि उन्हें सिंहासन के लिए गंभीर खतरा माना जाता था. रोशनारा को साजिश के बारे में पता चला, उन्होंने औरंगज़ेब के पास एक दूत भेजकर पूरी योजना के बारे में बता दिया. इस तरह रोशनआरा ने औरंगज़ेब की जान बचाई और मुग़ल इतिहास की दिशा बदल दी. उनके कई प्रेमी थे, लेकिन उन्होंने कभी शादी नहीं की.
Aurangzeb Image Credits: Islamic Bridge
मुग़ल सल्तनत की सबसे शक्तिशाली महिला थी रोशनआरा
रोशनआरा का अपनी बड़ी बहन जहांआरा बेग़म (Jahanara Begum) से कड़वा रिश्ता था. उत्तराधिकार के युद्ध के दौरान अपने पिता और दारा का समर्थन करने के लिए औरंगज़ेब जहांआरा से नाराज़ थे. उन्हें पदशाह बेग़म (Padshah Begum) और शाही हरम (Shahi Harem) के प्रमुख के पद से हटा दिया और उनकी जगह रोशनआरा को पद दे दिया. इसने उन्हें सल्तनत की सबसे शक्तिशाली महिला (strongest mughal woman) बना दिया, और उन्हें 'निशान' जारी करने का अधिकार भी दिया गया. उन्हें मनसबदार (Mansabdar) के रूप में नियुक्त किया गया, जो बादशाह की सेना में एक ऊंचा पद था.
Roshanara Image Credits: Wikipedia
आर्थिक आज़ादी की अहमियत पहचानी, खुद लिए फैसले
आर्थिक आज़ादी (financial freedom) को अहमियत देते हुए, रोशनआरा (Roshanara wealth) के पास आय के अपने स्रोत थे. पदशाह बेग़म (First Lady Roshanara) की उपाधि मिलने के बाद उनकी आय में बढ़ोतरी हुई. उन्होंने जमीन खरीदी, अपने लिए सुंदर और बड़ा बगीचा बनवाया. वह शिक्षित थी और उपाधियों, कार्यों, रुचियों, बचत जैसे मुश्किल विषयों पर गहरी समझ रखती थी.
Roshanara Garden Image Credits: Wikidata
न सिर्फ जीवित रहते हुए रोशनआरा ने सभी फैसले खुद लिए, पर उन्हें कहां दफनाया (Roshanara death) जायेगा, यह भी खुद तय किया. किसी कब्रिस्तान को चुनने की जगह, खुद को अपने खूबसूरत बगीचे में दफ़्न करने का हुक्म दिया. रोशनआरा बाग (Roshanara Garden) कमला नगर क्लॉक टॉवर (Kamla Nagar Clock Tower) और दिल्ली विश्वविद्यालय (North Campus of University of Delhi) के उत्तरी परिसर के पास है. यह दिल्ली के सबसे बड़े उद्यानों (gardens in Delhi) में से एक है जिसमें कई तरह के पौधे हैं. बगीचे के अंदर बनी झील में सर्दियों के दौरान प्रवासी पक्षी आते हैं.
उनकी शक्ति, समझदारी, और सामर्थ्य के ज़रिये मुग़ल राजनीति को प्रभावित कर, रोशनआरा ने इतिहास (History) के पन्नों पर अलग जगह बनाई.