समृद्धि की दिशा की ओर बढ़ती SHG महिलाएं

Self Help Groups की आजीविका बढ़ाने के लिए ही फ़ूड प्रोसेसिंग डिपार्टमेंट की मदद से अम्मा चैरिटेबल ट्रस्ट ने प्रधान मंत्री सूक्षम खाद्य प्रसंस्करण उद्यम योजना (MPMFE) के तहत इमली के उत्पादन में मदद दे रही.

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हेमा वाजपेयी
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tamarind imli

Image Credits : The.Ismaili

महिलाओं को समृद्ध, सशक्त और स्वावलंबी बनाने के लिए सरकार और संगठन महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे है. स्वयं सहायता समूह महिलाओं को रोजगार दिलाकर, सक्षम और साहसी बनाकर, उन्हें समाज में नई पहचान बनाने में मदद कर रहे है.

SHG महिलाओं की आय को बढ़ाने में ट्रस्ट कर रहा मदद 

आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh) पुंगनूर (Punganur) के चित्तूर (Chittorजिले में सेल्फ हेल्प ग्रुप्स की महिलाएं अपनी आजीविका के लिए बड़े पैमाने में इमली के उत्पादन पर निर्भर हैं और इन्हीं Self Help Groups की आजीविका बढ़ाने के लिए ही फ़ूड प्रोसेसिंग डिपार्टमेंट (Food Processing Department) की मदद से अम्मा चैरिटेबल ट्रस्ट (Amma Charitable Trust) ने प्रधान मंत्री सूक्षम खाद्य प्रसंस्करण उद्यम योजना (MPMFE) के तहत इमली के उत्पादन में मदद दे रही है.

गांव के SHGs से जुड़ी ऐसी ही कहानी है स्वप्ना (Swapna) की. स्वप्ना संघर्षशील और साहसी महिला है, जिन्होंने self help groups और ट्रस्ट की मदद से आत्मनिर्भरता की ओर नया कदम बढ़ाया. स्वप्ना भी अपनी आजीविका के लिए इमली के उत्पादन पर ही निर्भर थी, पर इमली की बिजाई करना कठिन काम है क्योंकि इमली के बीज़ निकलने के लिए उसे पीटना पड़ता है. जिससे स्वप्ना के हांथो में दर्द रहता था और उनकी ज्यादा आमदनी भी नहीं हो रही थी. लेकिन सोसाइटी की मदद से उनकी कमाई में बढ़ोतरी होने लगी.

 इमली उत्पादन में कर रहीं मशीन का इस्तेमाल

SHGs महिलाओं के मैनुअल काम और उनके स्वास्थ्य को सही रखने के लिए सेमि-ऑटोमिक टामारिंड प्रोसेसिंग यूनिट (Semi Automatic Tamarind Processing Unit) शुरू की गई. मशीन की मदद से उनके हांथों का काम आसान होने के साथ, उनके स्वास्थ्य में भी सुधार आया. अब मशीन से ही कच्ची इमली काटना, बीज़ निकलना, इमली के प्रोडक्ट्स को पैक किया जाता हैं. इससे उत्पादन के साथ आय भी बढ़ गई है. यूनिट लगाने की शुरुआत सिर्फ़12 SHG महिलाओं से हुई और इनकी सफलता देखकर अन्य महिला SHG भी प्रेरित हुई. फरवरी 2022 में 1000 महिलाओं को ट्रेनिंग दी गई, जिसमे 200 महिलाओं ने अपनी यूनिट्स शुरू की.

स्वप्ना आज अपनी इच्छाशक्ति और मनोबल से स्वावलंबन की ऊंचाइयों को छू रहीं. स्वप्ना की ज़िन्दगी का यह सफर हमे सिखाता है कि, किसी भी मुश्किल परिस्थिति में, आत्मविश्वास और संघर्षशीलता कि शक्ति से अपने सपनों को सच कर, नई दिशा में आगे बढ़ सकते है. सरकार के द्वारा शुरू की गई योजनाएं महिला सशक्तिकरण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम साबित हो रही है.

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