MP के Panna जिले में एक योजना ने Tribal Women की ज़िंदगी बदल दी. कल्दा पठार में बसे कई गांव की महिलाओं को Ajeevika Mission से जोड़ा और SHG सदस्य बनी इन महिलाओं को पोल्ट्री फॉर्म खुलवा दिए.
100 से ज्यादा शेड्स बना कर शुरू किए Poultry Farm
पन्ना ज़िले के कल्दा पठार के जनपद पवई और शाहनगर के कई गांव में आदिवासी महिलाओं को slef help group से जोड़ा.
इनको रोजगार के नए अवसर दिए.आजीविका मिशन और जिला प्रशासन ने इन महिलाओं को Poultry Farming से जोड़ा. गुर्जी गांव की कल्लु बाई बताती है-"पहले मैं जंगल में लकड़ी और महुआ बीन कर बेचती और इसी कमाई से जैसे-तैसे घर चलाती.अब मुझे पोल्ट्री फार्म से हर महीने 6 से 8 हज़ार रुपए महीने कमाई होने लगी.हमें ट्रेनिंग के लिए कटनी और ढीमरखेड़ा भेजा."
पोल्ट्री फार्म में रखे गए चूजे (Image: Ravivar Vichar)
इन जनपदों के कल्दा,गुटेही,सर्रा आदि गांव पंचायतों में ये कुक्कुट पालन योजना की शुरुआत हुई.इस योजना में लगभग 50 SHG से जुड़ी महिलाओं को फायदा हो रहा.
MGNREGA से बनाए शेड्स महिलाओं को डबल फायदा
इस योजना में मुर्गी पालन के लिए शुरुआत में 100 शेड्स बनाए.इसका काम MGNREGA योजना के तहत स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को ही दिया.इससे इन महिलाओं को अलग से कमाई हुई और डबल फायदा हुआ.
Ajeevika Mission के District Project Manager (DPM) Pramod Shukla बताते हैं-"यह रोजगार shg महिलाओं को MPWPCL (मध्य प्रदेश महिला पोल्ट्री प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड) के अंतर्गत दिया गया.100 शेड्स बनवाने में लगभग 2.48 करोड़ रुपए खर्च किए गए.भविष्य में 500 महिलाओं को इस योजना का लाभ देने के लिए शेड्स बनवाए जाएंगे.poultry farm में तैयार चूजे संस्था ही खरीद लेगी."
लगभग 35 दिन में ये चूजे तैयार हो जाएंगे जिन्हें महिलाएं बेचेंगी.
पोल्ट्री फार्म का निरीक्षण करते CEO ZP Sanghpriy (Image: Ravivar Vichar)
poultry farming से समूह की सदस्यों को 50 से 70 हज़ार रुपए की अलग से कमाई होगी.
इस योजना को लेकर पन्ना कलेक्टर DM IAS Suresh kumar और जिला पंचायत CEO Sanghpriya खुद ने महिलाओं का हौसला बढ़ाया.संस्था से अनुबंध होने के कारण फीड और बिक्री के लिए संस्था सहयोग करेगी.