घरेलू काम के साथ महिला बनी Krishi Sakhi संभाल रही बिज़नेस

छोटे से गांव की महिला ने मेहनत की.परिवार की मदद के लिए खेतों में जाकर मजदूरी की.यह कहानी उस महिला की है जिसने कभी अपने घर से बाहर कदम नहीं रखा. लेकिन अब घरेलू काम के साथ महिला कृषि सखी बनी और बिज़नेस संभाल रही.

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घरेलू महिला Krishi Sakhi बन संभाल रही बिज़नेस

अपने खेत में काम करती दया (Image: Ravivar Vichar)

MP के Vidisha जिले के छोटे से गांव छापखेड़ा की रहने वाली दया बाई ने  self help group को समझा और देखते ही देखते गांव में पहचान बना ली.अब यह महिला कई तरह से कारोबार में प्रबंधन करती है.  

मजदूरी नहीं यूनिट की मालकिन बन करती प्रबंधन  

विदिशा के छोटे से गांव छापखेड़ा की रहने वाली दया बाई अपने परिवार की आर्थिक मदद के लिए मजदूरी करती.घर में traditional culture होने की वजह से परिवार के मुखिया घूंघट और बाहर निकलना ठीक नहीं मानते.ऐसे में दया ने कुछ करने की ठानी और Ajeevika Mission से जुड़ी.ज़िंदगी में बदलाव आया और अब मजदूरी नहीं यूनिट की मालकिन बन प्रबंधन करती है.   
दया बताती है-"मैंने गांव में ही 12 महिलाओं के साथ Arti Self Help Group बनाया.revolving fund और CCL की मदद मिलना शुरू हुई फिर पीछे मुड़ कर नहीं देखा.इसी बीच मैंने मसाला -आटा चक्की यूनिट भी डाल ली.मेरी इनकम लगभग 18 हज़ार रुपए महीने होने लगी."

VIDISHA DAYA 600

आटा और मसाला यूनिट के साथ दया  (Image: Ravivar Vichar)

सालाना कमाई 2 लाख से अधिक होने लगी.अब परिवार भी मदद करने लगा.  

Krishi Sakhi से बनी गांव की सलाहकार 

दया कृषि सखी की ट्रेनिंग ली.धीरे-धीरे अनुभव बढ़ गया.अब गांव और आसपास के किसान परिवारों में दया krishi sakhi बन कर जाती है.परिवार सदस्यों का कहना है हमें अपनी बहु पर गर्व है. जिस गांव में घूंघट में रहती थी आज वहां खेतों में सलाहकार बन कर जाती है.
दया आगे बताती है-"धीरे धीरे मैंने अपनी इनकम के साधन बढ़ाए.हिम्मत भी आ गई.अब मेरे पास दूध उत्पादन, animal husbandry, vegetable production का कारोबार है."

VIDISHA DAYA ANIMAL HUSBANDRY.

पशु पालन से बढ़ाई दया ने अपनी इनकम  (Image: Ravivar Vichar)              

Vidisha Ajeevika Mission के District Project Manager (DPM) SK Chaurisia कहते हैं-"विदिशा जिले में दया बाई ने कम उम्र में SHG से जुड़ कर मिसाल कायम की.कृषि सखी,पशु पालन,मसाला उद्योग लगा कर अपने को Lakhpati Didi बनाया.जिले में हम सभी समूह को सहयोग कर रहे."  

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