MP के Narsinghpur जिले के चावरपाठा ब्लॉक अंतर्गत मड़ेसुर गांव में मजदूरी करने वाली महिलाओं को मिशन ने self help group में जोड़ा.यहीं fish farming के लिए तैयार किया.अब यह समूह और महिलाएं मछली बेच कर अपनी आजीविका चला रही.
पुष्कर तालाब से बदली ज़िंदगी,महिलाओं की बढ़ी आमदनी
मड़ेसुर गांव में पुष्कर तालाब अभियान के तहत तालाब को उपयोगी बनाया.मत्स्य विभाग के सहयोग से यहां मछली पालन का काम शुरू किया.दिव्या स्वयं सहायता समूह की वैजयंती जाटव ने बताया-"इस काम के पहले हम गांव की महिलाएं सभी मजदूरी के लिए जाती थीं.यहां तालाब तैयार हुआ.हम कुछ साथियों को मछली पालन की ट्रेनिंग दी.हमने पिछले साल यहां fish seed डाले.अब मछली बैचने से हमारी कमाई शुरू हो गई.अहम अब तक लगभग 2 क्विंटल मछली 100 रुपए किलो के हिसाब से बेच चुके हैं."
इसी समूह से जुड़ी और महिलाएं भी तालाब किनारे आकर मछली की देखरेख और बेचने का काम करती हैं.
तालाब किनारे मछली के साथ समूह की सदस्य (Image: Ravivar Vichar)
समूह की दुर्गा जाटव कहती है-"हमें ट्रेनिंग मिली उसी के बाद से हमने काम शुरू कर दिया. मछली खरीदने के लिए व्यापारी और दूसरे लोग तालाब पर आ जाते हैं.हम इस कारोबार को और बढ़ाएंगे."
SHG के लिए मछली पालन को देंगे बढ़ावा
नरसिंहपुर जिले में SHG महिलाओं के लिए मछली पालन को और बढ़ावा दिया जाएगा.तालाबों को पुनः जीर्णोद्धार करेंगे.
जिले के Ajeevika Mission के DPM Jwala Karosia कहते हैं-"जिले के मड़ेसुर गांव में fishing farming का प्रोजेक्ट सफल रहा.यहां मत्स्य विभाग की तरफ से fish seed उपलब्ध करवाए.साथ ही training दी गई.ख़ुशी है कि यहां महिलाओं ने लगभग 2 लाख का कारोबार किया."
महिलाएं इस कमाई के साथ खेती में भी अपना सहयोग देती हैं.शुरुआत में यहां 10 समूह की 20 महिलाओं को सीधे रोजगार मिला.जिले की कलेक्टर DM IAS Sheetla Patle और जिला पंचायत के CEO IAS Daleep Singh भी इस प्रोजक्ट से जुड़ी महिलाओं को प्रोत्साहित कर चुकें है.