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Image Credits : Ravivar Vichar
ऐसा कहाँ जाता है ' चेंज इस द ओनली कॉन्स्टेंट ', किसी भी चेंज या बदलाव को लाने के लिए कोई एजेंट या भूमिका की ज़रुरत होती है. इस तरह महिलाओं की ज़िन्दगी में बदलाव तभी संभव है जब महिलाएं इस बदलाव के लिए खुद कदम उठाये. ऐसी ही एक कहानी है देवास (Dewas) जिले के गांव बागली (Bagli) की, जहां स्वयं सहायता समूह (Swayam Sahayata Samuh) की महिलाएं खुद के साथ गांव में भी बदलाव ला रही है।
सुशीला दीदी के नेतृत्व में यहां स्वयं सहायता समूह (Self Help Group, SHG) 2021 में शुरू हुआ, जिसमे 12 महिलाएं काम कर रही है. उन्हीं में से एक महिला है सीमा बड़ोदिया, जिनकी ज़िन्दगी में समूह से जुड़ने के बाद बहुत से बदलाव आये. पहले वह ज़्यादा पढ़ी लिखी नहीं थी, पर समूह से जुड़ने के बाद उन्होंने बारहवीं तक की पढ़ाई की. सीमा जहाँ पहले घूंघट में रहकर सिर्फ घर के काम संभालती थी और उन्हें घर से बाहर निकलने तक की आज़ादी तक नहीं थी. आज वही घर के साथ - साथ समूह के सारे काम बखूबी संभाल रही है. समूह में जुड़ने के बाद सीमा की ज़िन्दगी में काफी बदलाव हुआ पहले उन्हें परिवार से सहयोग नहीं मिल रहा था आज उन्हें वही परिवार हर काम के लिए सपोर्ट कर रहा है.
प्रधान मंत्री मोदी (PM Modi) द्वारा शुरू की गई उज्ज्वला गैस योजना
सरकार महिलाओं की ज़िन्दगी में बदलाव लाने तथा उन्हें आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने के लिए बहुत सी योजनाएं ला रही है. उन्ही में से ऊर्जा देवी (Urja Devi) और बैंक सखी (Bank Sakhi) जैसी योजनाएं है. महिलाओं को धुएं से निजात दिलाने के लिए प्रधान मंत्री मोदी (PM Modi) द्वारा शुरू की गई उज्ज्वला गैस योजना (Ujjwala Gas Yojana), ऊर्जा देवी के नाम से शुरू हुई यह योजना स्वयं सहायता समूह की महिलाओं के जीवन में ख़ुशी की लहर बन कर आयी है. समूह के माध्यम से अब लोगों को गांव में ही सही दाम और सही समय पर गैस सिलिंडर मिल जाते है. जिससे अब महिलाओं गाँव से बाहर जाकर पेड़ नहीं काटने पड़ते. इससे पर्यावरण की भी रक्षा होती है और साथ ही महिलाओं को रोजगार भी मिल रहा है.
इसी योजना के तहत सीमा बडोडिया को चुना गया. पहले उन्हें एक महीने में सात सिलिंडर उपलब्ध कराये जाते थे. इस तरह उन्हें हर सिलेंडर पर कमीशन मिलता था. आगे बढ़ते हुए आज सीमा एक हफ्ते में चालीस सिलेंडर की सप्लाई अपने गाँव में कर रही है. सीमा, अब ऊर्जा देवी के साथ साथ बैंक सखी का भी है. बैंक सखी एक ऐसा कार्यक्रम है जहां ग्रामीण क्षेत्र के लोग जो बैंक नहीं जा पाते है या बैंक की सुविधा उन तक नहीं पहुँचती वहाँ उन्हें घर पर ही छोटे बैंक ट्रांसेक्शन हो जाते है. आज इस समूह की महिलाएं अपने अलग - अलग समूह बना रही है और इस तरह गांव के विकास के लिए काम कर रही है . इस तरह के उदहारण छोटे बदलाव के साथ समाज और देश में महिला भागीदारी को बढ़ा रहे है.