स्वान वीमेन फेडरेशन (Swan Women Federation), एक प्रमुख संगठन है जो स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं की आजीविका बढ़ाने, उनके बच्चों को बेहतर शिक्षा देने और उन्हें वित्तीय सहायता देने के लिए काम कर रहा है. इससे हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) के ऊना जिले (Una District) के 102 पंचायतों के एक हज़ार महिला SHGs (Women SHGs) जुड़े हुए हैं.
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महिला SHGS को मिला 8.25 करोड़ रूपए का लोन
नवंबर 2015 से, फेडरेशन एसएचजी महिलाओं को बैंकों के मुकाबले कम ब्याज पर लोन दे रहा है. अब तक महिला सेल्फ हेल्प ग्रुप्स 8.25 करोड़ रूपए का लोन ले चुके हैं. स्वान फेडरेशन (Swan Federation), स्वान रिवर इंटीग्रेटेड वॉटरशेड मैनेजमेंट प्रोजेक्ट (Swan River Integrated Watershed Management Project) का हिस्सा है.
साल 2006 से 2014 तक जापान अंतरराष्ट्रीय सहयोग एजेंसी (JICA) के साथ मिलकर जिले में वित्तीय सहायता दी गई थी. उस समय पचास पंचायतों में 425 एसएचजी बनाये गए थे.
छोटी बचत से SHGs ने जोड़े 16 करोड़ रूपए
प्रोजेक्ट के पूरा होने के बाद स्वान फेडरेशन के तहत महिलाओं ने काम जारी रखा. साल 2015 में लाइवलीहुड मिशन (Livelihood Mission) के ज़रिये महिलाओं ने वित्तीय समावेश के लिए स्वान वीमेन (मल्टीपर्पस) कोऑपरेटिव सोसाइटी (Swan Women Cooperative Society) बनाई. छोटी बचत कर महिलाओं ने सोसाइटी के वर्किंग कैपिटल में सोलह करोड़ रूपए जोड़े.
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लोन लेकर SHG महिलाओं ने शुरू किये व्यवसाय
Self Help Groups से जुड़ी समनाल गांव की परमजीत बताती है कि, उन्होंने 1.5 लाख रूपए का लोन लेकर बुटीक की शुरुआत की. अब वह महीने के दस हज़ार रूपए कमा रही है. समूह से ही जुड़ी पंडोगा गांव की नरिंदर कौर बताती है कि उन्होंने पिछले साल आलू की खेती के लिए चालीस हज़ार का लोन लिया, और उन्हें 2.5 लाख रूपए का मुनाफा हुआ.
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फेडरेशन की अध्यक्ष सुभद्रा देवी बताती है कि, संगठन की तरफ से बढ़ेरा गांव में मसाला प्रसंस्करण इकाई (Spices Processing Unit) "स्वान मसाले" (Swan Spices) शुरू की गई है, जिसे FSSAI के तहत नामांकित और लाइसेंस दिया गया है. स्वान महिला फेडरेशन महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने में लगातार प्रयास कर रहा है.