पंजाब राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (Punjab State Rural Livelihood Mission) मोगा (Moga, Punjab) जिले की गरीब और जरूरतमंद महिलाओं के लिए एक वरदान साबित हो रहा है. मिशन का लक्ष्य महिलाओं को SHG समूहों से जोड़कर उन्हें आर्थिक रूप से स्वावलंबी बनाना है, ताकि वह अपने परिवार के लिए आजीविका कमा सके. इस मिशन के जरिये गरीब, अशिक्षित या कम शिक्षित महिलाएं अपने जीवन में सुधार ला पाएंगी.
मोगा जिले में दी गई SHG महिलाओं को ट्रेनिंग
मोगा जिले में सोलह हजार से अधिक परिवारों की महिलाएं इस मिशन में जुड़ी है. महिलाओं को स्किल ट्रेनिंग दी जा रही है. बैंक से सस्ते ब्याज दर पर लोन लेकर, व्यवसाय शुरू करने में मदद दी जाती है. इससे वह बाजार में उपलब्ध महंगे ब्याज दरों से बचकर अपनी आर्थिक स्थिति में सुधार लाएंगी.
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एडिशनल डिप्टी कमिश्नर (ग्रामीण विकास) श्रीमती अनीता दर्शी बताती है कि इस मिशन के तहत SHG महिलाओं को कौशल विकास की ट्रेनिंग दी जाएगी. इससे उन्हें आर्थिक मजबूती मिलेगी. Self Help Groups से जुड़कर 39,000 से अधिक परिवारों की महिलाएं खुद के व्यवसाय शुरू करेंगी. सेल्फ हेल्प ग्रुप की महिलाओं द्वारा बनाये गए हस्तशिल्प उत्पाद जैसे स्वेटर, अचार, सरसों का तेल, हल्दी, मसाले आदि की बड़े पैमाने में मार्केटिंग की जाएगी.
मेक इन इंडिया वेबसाइट पर अपलोड किये जायेंगे उत्पाद
इसके लिए SHG के कुछ प्रोडक्ट्स मेक इन इंडिया (Make In India) वेबसाइट (www.makeinindia.com) पर अपलोड किये जायेंगे ताकि वो सामान्य बाजार के मुकाबले सस्ते दरों में लोगों तक पहुंच सके. इससे एसएचजी महिलाओं को निश्चित आय का साधन मिलेगा. जो समूह बंद पड़े हैं या उनमे काम नहीं हो रहा है, उन समूहों को फिर से पुनर्जीवित किया जायेगा.
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इस आयोजन में, जिला कार्यक्रम प्रबंधक बलजिंदर गिल, जिला लेखा अधिकारी गुरमीत कौर, जिला एमआईएस अभिषेक सिगनिया, ब्लॉक कार्यक्रम प्रबंधक नवदीप कौर, विक्रमजीत सिंह, अवतार सिंह, हरमीत सिंह, हरमनप्रीत सिंह, अमनदीप कौर और क्लस्टर समन्वयक मनप्रीत कौर, पवित्र सिंह, विक्रमजीत सिंह, शिल्पा अरोड़ा और ब्लॉक एमआईएस मैडम राजविंदर कौर उपस्थित थे.
मिशन से जुड़कर महिलाएं होंगी सशक्त
पंजाब राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (PSRLM) द्वारा उठाया गया यह कदम, मोगा जिले की SHG महिलाओं (SHG Women) को सशक्त और समर्थ बना रहा है. व्यापार का ज्ञान होने से, रोजगार के नए अवसर मिलेंगे. व्यवसाय में भी वृद्धि होगी, समाज में सम्मान मिलेगा, महिलाएं आत्मनिर्भर और सशक्त होंगी.